Haryana News: डीएपी खाद की उपलब्धता में कोई कमी नहीं: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

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डीएपी खाद की उपलब्धता में कोई कमी नहीं: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
Haryana News: डीएपी खाद की उपलब्धता में कोई कमी नहीं: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

सभी किसानों को समय पर मिलेगा खाद
(आज समाज) चंडीगढ़: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ डीएपी खाद की उपलब्धता को लेकर समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है और सभी किसानों को समय पर खाद मिलेगा। पिछले साल रबी सीजन में अक्टूबर 2023 में डीएपी की कुल खपत 1,19,470 मीट्रिक टन (एमटी) थी, जबकि अक्टूबर 2024 में खपत 1,14,000 मीट्रिक टन रही। आज की तारीख में राज्य में डीएपी की उपलब्धता 24000 मीट्रिक टन है और किसानों के लिए डीएपी की दैनिक आपूर्ति के लिए रेक प्लानिंग की गई है। उन्होंने बताया कि 2023 रबी सीजन के दौरान नवंबर में कुल 72697 मीट्रिक टन की खपत हुई थी। राज्य सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप, केंद्र ने नवंबर महीने के लिए 1,10,000 मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक आवंटित किया है, जिसमें से नवंबर के पहले सप्ताह के लिए रेक मूवमेंट पर 41,600 मीट्रिक टन और दूसरे सप्ताह के लिए 40,000 मीट्रिक टन की योजना बनाई गई है और नवंबर 2024 के तीसरे सप्ताह में इसे घटाकर 20,000 मीट्रिक टन कर दिया जाएगा।

सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते बताया कि डीएपी के लिए रैक योजना तैयार कर ली गई है। भिवानी, दादरी, रोहतक, महेंद्रगढ़, करनाल, पानीपत, कुरुक्षेत्र और जींद को 3 नवंबर को रैक मिलेंगे। इसी प्रकार हिसार, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, झज्जर, सोनीपत और रोहतक को 4 नवंबर, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, हिसार, सिरसा और जींद को 5 नवंबर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, पंचकूला और यमुनानगर को 6 नवंबर तथा पलवल, नूंह, फरीदाबाद और गुरुग्राम को 7 नवंबर को रैक मिलेंगे। सरकार ने आश्वासन दिया कि सभी जिलों को कवर किया जा रहा है।

डीएपी खाद को लेकर किसानों को उठानी पड़ रही परेशानी

गौरतलब है कि हरियाणा में डीएपी खाद को लेकर किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। भरपूर मात्रा में किसानों को डीएपी खाद नहीं मिल पा रहा है। पूरा-पूरा दिन लाइन में लगने के बाद भी किसानों की डीएपी खाद खाद की मांग पूरी नहीं हो पा रही। किसानों का कहना है कि गेहूं बुआई की सीजन शुरू हो चुका है। अगर समय रहते डीएपी खाद नहीं मिला तो वह गेहूं की बुआई नहीं कर पाएंगे। इसलिए किसानों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें जल्द भरपूर मात्रा में डीएपी खाद उपलब्ध कराया जाए।

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