नई दिल्ली। पीएम मोदी नेकोरोना वैश्विक महामारी की शुरूआत होने के समय कहा था कि हमें इस आपदा को अवसर में बदलना है। हमेंइस अवसर में खुद को आत्मनिर्भर बनाना होगा। आज एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को आत्मनिर्भर भारत की बात दोहराई। उन्होंने आज आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत निजी क्षेत्र के लिए 41 कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया की शुरूआत की। इसकी शुरूआत कर उन्होंने कहा कि भारत की आपदा पर आंसू बहाने की फितरत नहीं है, हम इस संकट को अवसर में बदलेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कोरोना से लड़ेगा और इससे आगे भी बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत आयात पर अपनी निर्भरता को कम करेगा। आत्मनिर्भर यानि भारत आयात खर्च पर होने वाली लाखों करोड़ों रुपये की विदेशी मुद्रा को बचाएगा। आत्मनिर्भर भारत यानि की भारत को आयात न करना पड़े। इसके लिए देश में ही साधन और संसाधन विकसित किए जाएंगे। उन्होंने आगे यह भी कहा कि उर्जा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनानेके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। भारत की आपदा पर आंसू बहाने की फितरत नहीं है। आज हम केवल निजी क्षेत्रों के लिए कोयला खदानों की नीलामी की शुरूआत नहीं कर रहे हैं बल्कि कोयला क्षेत्र को लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक मजबूत खनन और खनिज क्षेत्र के बिना भारत का आत्मनिर्भर बनना संभव नहीं है क्योंकि खनिज और खनन हमारी अर्थव्यवस्था के मजबूत खंभे हैं।