इंदौर। मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी की खबरे आ रहीं थी। सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सरकार के कामकाज में भी दखल दे रहे थे। उन्होंने एक पत्र भी विधायकों के नाम जारी किया था। हालांकि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शनिवार को किसी प्रकार की गुटबाजी से इनकार किया। उन्होंने कहा कि सूबे के कांग्रेसी दिग्गजों में कोई गुटबाजी नहीं है। दिग्विजय ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘प्रदेश कांग्रेस में न तो पहले कोई गुटबाजी थी, न ही आज है। उन्होंने इसका सारा दोष मीडिया पर मढ़ दिया और कहा कि इस बारे में मीडिया के लोग ही खबरें चलाते रहते हैं।’ प्रदेश कांग्रेस की कलह को लेकर पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को संगठन के स्तर पर रिपोर्ट सौंपे जाने की खबरों पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ भी मालूम नहीं है। सूबे में तबादलों और अन्य लंबित कामों को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के कैबिनेट सहयोगियों को चिट्ठियां लिखे जाने पर खड़े हुए विवाद को लेकर दिग्विजय ने नाराजगी जताई। अपनी नाराजगी में ही उन्होंने इस विवाद के बारे में पूछने पर दोबारा सवाल ही दाग दिया। उन्होंने कहा कि ‘क्या आपने पढ़ा है कि मैंने इन पत्रों में क्या लिखा था? अगर आपने मुझे कोई कागज (सरकारी काम से जुड़ा आवेदन) दिया है, तो मैं इसे आगे बढ़ाऊंगा या नहीं?’इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि मैं राज्य सभा का सदस्य हूं, मैं प्रदेश में कांग्रेस सरकार का सदस्य नहीं हूं। इसलिये प्रदेश में मेरे दस्तखत से कोई सरकारी काम नहीं होता है।’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समर्थकों को मैंने स्थायी तौर पर कह रखा है कि कोई भी कांग्रेस कार्यकर्ता मेरे समर्थन में न तो पोस्टर-बैनर चिपकाए, न ही नारे लगाए।’