गुरमीत सिंह खुड्डियां ने नीति के प्रारूप संबंधी आढ़तियों, शेलरों मालिकों के साथ विचार-विमर्श

Punjab News Update (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट और पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों सहित प्रदेश के आढ़तियों, राइस मिलरों के साथ कृषि मंडीकरण राष्ट्रीय नीति के प्रारूप पर उनके सुझावों और विचारों को जानने के लिए गहन विचार-विमर्श किया।

दो घंटे से अधिक समय तक चली इस गंभीर चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि प्रारूप में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है, जो कि प्रदेश के किसानों के लिए सबसे जरूरी है, और निजी मंडियों को प्रोत्साहित करने संबंधी धाराएं कृषि उत्पादन मार्केट कमेटी (एपीएमसी) मार्केट को प्रभावित करेंगी। उन्होंने आशंका जताई कि एपीएमसी की मंडियों में गड़बड़ी उत्पन्न होने से किसानों और पारंपरिक व्यापारियों का शोषण होगा।

आरडीएफ और एमडीएफ प्रदेश के लिए बहुत अहम

कृषि मंत्री ने कहा कि आरडीएफ और एमडीएफ पंजाब के व्यापक कृषि बुनियादी ढांचे, विशेषकर मंडियों के ढांचे और इन मंडियों को गांवों से जोड़ने वाली सड़कों के रख-रखाव के लिए अत्यंत जरूरी हैं। कृषि मंत्री ने विजय कालड़ा और रविंदर सिंह चीमा की अगुवाई वाले आढ़तियों और तरसेम सैनी की अगुवाई वाले राइस मिलरों से अपील की कि वे इस नीति के बारे में अपने सुझाव और चिंताएं पंजाब मंडी बोर्ड को भेजें ताकि केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले जवाब में उन्हें भी शामिल किया जा सके।

प्रदेश सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार प्रदेश के किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इस विचार-विमर्श के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि और किसान कल्याण अनुराग वर्मा, पंजाब राज्य किसान और खेत मजदूर आयोग के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह, प्रमुख सचिव खाद्य और नागरिक आपूर्ति विकास गर्ग, सचिव पंजाब मंडी बोर्ड रामवीर आदि भी उपस्थित थे।

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