रमन भनोट
अगर फुटबॉल फैंस के चलाए किसी अभियान के आधार पर ही टूनार्मेंट जीता तो इंग्लैंड की टीम निश्चय ही यूरो-2020 की विजेता होती। यूरोप के फुटबॉल की सर्वश्रेष्ठ टीमों के बीच 11 देशों के शहरों में ैइट्स कमिंग होमै का महीने भर से चला आ रहा उदघोष अपने चरम पर पहुंच गया है। 1960 से चले आ रहे इस टूनार्मेंट का यह 16वां पड़ाव है।
मगर इस बार इंग्लैंड के खिताब जीतने की सबसे बड़ी बाधा इटली की टीम है जो एक मौके पर अपनी मेजबानी में यूरो कप का खिताब जीत चुकी है लेकिन इंग्लैंड को इस टूनार्मेंट में अपनी पहली खिताबी जीत का बेसब्री से इंतजार है। सच तो यह है कि इंग्लैंड की टीम पहली बार फाइनल में पहुंची है जबकि इटली ने 1968 में खिताब जीता और दो बार (2000 और 2012) वह रनर्स
अप रही।
इंग्लैंड की ओर से अब तक यूरो कप के एक आयोजन में कोई भी पांच से अधिक गोल नहीं कर सका है। इस बार इंग्लैंड के आक्रमण की ताकत हैरी केन कुल चार गोल कर चुकै हैं जो 1996 में इंग्लैंड के एलन शियरर के पांच गोल से एक कम है और 2004 में इंग्लैंड के स्टार वेन रूनी के 4 गोल के बराबर है।
इटली को सबसे बड़ी उम्मीद चिरो इमोबिले से है जो अपने सटीक निशानों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी क्लब की ओर से सीरी ए के लिए 2019-20 में रिकॉर्ड 36 गोल करके अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। इस बार वह अभी तक दो ही गोल कर पाए हैं। इटली की उम्मीदें उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर टिकी हैं।
इंग्लैंड की ओर से रहीम स्टर्लिंग जबर्दस्त फॉर्म में हैं। वह इस बार तीन गोल कर चुके हैं और एक गोल में उनका हाथ रहा है। इसके अलावा डेनमार्क के खिलाफ सेमीफाइनल में मिले पेनाल्टी के मौके को भी वह बखूबी गोल में बदल चुके हैं। वहीं इटली की ओर से फेडरिको कीएजा ने अपने तेजतर्रार खेल से दोनों छोरों को धारदार बना दिया है और वह अब तक दो गोल कर चुके हैं।
23 वर्षीय यह खिलाड़ी यूवेंटस के लिए खेलते हैं। उनकी यह फॉर्म इटली के दूसरी बार चैम्पियन बनने के लिए कारगर साबित हो सकती है।
मैदान की यह भिड़ंत मैदान के बाहर प्रशंसकों की भावनाओं से भी मेल खाएगी। इटली के फैंस की जुबां पर बस इतना ही है कि ट्रॉफी जाएगी रोम लेकिन इंग्लैंड के फैंस कह रहे हैं कि ये इस बार रहेगी होम।
(लेखक इन दिनों यूरो कप में हिंदी कमेंटरी कर रहे हैं)
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