डिप्टी कमिश्नरों को अपने जिलों में जोर-शोर से अभियान शुरू करने के निर्देश
कहा, पिछले तीन वर्षों में पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 52 प्रतिशत की कमी आई
Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने फसल अवशेष प्रबंधन की तैयारियों पर बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि 2020-21 की तुलना में 2023-24 में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में कुल 52 प्रतिशत की कमी आई है। इस दौरान सीएम ने कहा कि किसानों को प्रचार अभियान के माध्यम से पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
उनको पराली प्रबंधन के लिए उपलब्ध मशीनों पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को यह भी बताया जाए कि कस्टम हायरिंग सेंटर्स के माध्यम से वे पराली प्रबंधन पर होने वाले खर्च को कम कर सकते हैं। भगवंत सिंह मान ने पंचायतों और अन्य साझा स्थानों पर कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) स्थापित करने का भी निर्देश दिया।
पोर्टल पर 1.07 लाख आवेदन प्राप्त हुए
मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए जोर-शोर से अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि इससे पराली जलाने के खिलाफ जंग को जन आंदोलन में बदलने में मदद मिलेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कृषि और किसान कल्याण विभाग ने फसल अवशेष प्रबंधन अभियान 2024-25 के तहत पोर्टल के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त करने के इच्छुक किसानों से आवेदन मांगे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 जून 2024 तक कुल 63,904 आवेदन प्राप्त हुए थे। उन्होंने कहा कि जिलों की मांग पर इस पोर्टल को 13 सितंबर से 19 सितंबर 2024 तक फिर से खोला गया था, और इस पर 19 सितंबर तक कुल 1.07 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को 14,000 मशीनें और जिलों में कस्टम हायरिंग सेंटरों को 1,100 मशीनें प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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