Himachal News (आज समाज)सोलन। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि मशरूम की जीवन अवधि (शेल्फ लाइफ) बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा शोध करने की जरूरत है। मेले में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे राज्यपाल ने इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और अधिक से अधिक लोगों को इसके साथ जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। राज्यपाल ने कहा कि यह मेला वर्ष 1998 से लगातार हर वर्ष आयोजित किया जा रहा है। इसी दिन वर्ष 1997 में सोलन को मशरूम सिटी का नाम मिला। बीते 27 वर्षों में कई उत्पादकों ने मशरूम की खेती को रोजगार के तौर पर अपनाया है।
उन्होंने कहा इस लंबे अरसे के दौरान मशरूम उत्पादकों ने मशरूम अनुसंधान निदेशालय सोलन की तकनीक के द्वारा विभिन्न प्रकार की किस्में विकसित की हैं। राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 1970 के अंत में भारत में मशरूम की खेती शुरू हुई और आज दुनिया के लगभग 100 देशों में इसकी खेती की जा रही है। भारत में जहां 10 वर्ष में मशरूम का उत्पादन एक लाख टन था वह आज 3.50 लाख टन पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन में भारत चौथे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि मशरूम की खेती एक छोटे से कमरे से शुरू कर किसान दो तीन माह के भीतर आय अर्जित कर सकते हैं।