Punjab News : भलाई योजनाओं में नीतिगत सुधार की जरूरत : डॉ. बलजीत कौर

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Punjab News : भलाई योजनाओं में नीतिगत सुधार की जरूरत : डॉ. बलजीत कौर
Punjab News : भलाई योजनाओं में नीतिगत सुधार की जरूरत : डॉ. बलजीत कौर

कैबिनेट मंत्री ने राष्ट्रीय चिंतन शिविर में किया पंजाब का प्रतिनिधित्व

Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़। समाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक मंत्री डा. बलजीत कौर ने देहरादून में भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्टÑीय चिंतन शिविर में पंजाब का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष दृढ़ता से उठाया गया है।

पंजाब सरकार पिछड़े वर्गों के विकास को समर्पित

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार वंचित वर्गों के समग्र विकास के लिए पूर्णत: समर्पित और प्रतिबद्ध है। डॉ. बलजीत कौर ने कहा, पंजाब देश में अनुसूचित जातियों की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है, अत: हमारे लिए यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम लक्षित हस्तक्षेपों के माध्यम से इन वर्गों की भलाई सुनिश्चित करें।

स्कॉलरशिप योजनाओं में सुधार की मांग

स्कॉलरशिप योजनाओं की वर्तमान आय सीमा (2.50 लाख) को आज के आर्थिक परिप्रेक्ष्य में अनुचित बताते हुए इसमें वृद्धि की मांग की ताकि अधिक जरूरतमंद विद्यार्थियों को लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2017 से 2020 तक की बकाया केंद्रीय राशि अब तक जारी नहीं की गई है, जिससे विद्यार्थियों और शैक्षणिक संस्थानों को कठिनाई हो रही है।

आदर्श ग्राम योजना के लिए नियमित फंड जारी हो

डॉ. कौर ने बताया कि पंजाब में एस सी आबादी सबसे अधिक होने के कारण 3293 गांव आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत चुने गए थे, जिनके लिए 684 करोड़ रुपए की मंजÞूरी मिली थी, पर अब तक केवल 101 करोड़ रुपए ही जारी हुए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से शेष राशि शीघ्र जारी करने की अपील की ताकि गांवों के बुनियादी ढांचे में सुधार लाया जा सके। साथ ही उन्होंने प्रति गांव अनुदान को 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए करने की सिफारिश भी की ताकि विकास कार्यों में गति और गुणवत्ता लाई जा सके।

आवास योजना में पारदर्शिता की आवश्यकता

डॉ. बलजीत कौर ने आवास योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना आर्थिक रूप से पिछड़े और एस सी वर्गों के लिए लाभकारी है, लेकिन पंचायत स्तर पर लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी देखी गई है। अत: उन्होंने यह मांग की कि पात्र लाभार्थियों की पहचान और योजना की निगरानी की जिम्मेदारी सामाजिक न्याय विभाग को सौंपी जाए, ताकि लाभ न्यायपूर्ण तरीके से पहुंच सके।

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