प्रदेश का रेशम उत्पादन सालाना 29 हजार किलो तक पहुंचा
पंजाब के बागवानी मंत्री महिंदर भगत ने सिल्क मार्क एक्सपो-2024 का किया उद्घाटन
Punjab News Update (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब के बागवानी मंत्री महिंदर भगत ने कहा कि रेशम उत्पादन में पंजाब अहम भूमिका निभा सकता है। इसके लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है ताकि रेशम उत्पादक किसानों की आर्थिकता को मजबूत किया जा सके। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि रेशम उत्पादकों को अच्छे बाजार मुहैया करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य में गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर और रोपड़ के चार जिलों में रेशम का उत्पादन होता है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य ने अपने रेशम खेती के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार किया है, जिससे इसका उत्पादन सालाना 29,000 किलोग्राम तक पहुंच गया है।
‘पंजाब सिल्क’ ब्रांड को लॉन्च करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सिल्क रीलींग यूनिट स्थापित करने की योजनाएं चल रही हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में 13 सरकारी सेरिकल्चर फार्म हैं, जहां तकनीकी कर्मचारियों की सहायता से रेशम के कीड़ों का पालन किया जाता है। वे चंडीगढ़ के सेक्टर 35-ए स्थित किसान भवन में सिल्क मार्क एक्सपो-2024 का उद्घाटन करने के दौरान बोल रहे थे। सिल्क मार्क आॅगेर्नाइजेशन आॅफ इंडिया, सेंट्रल सिल्क बोर्ड द्वारा पंजाब और हरियाणा के बागवानी विभागों के सहयोग से आयोजित किया गया यह पहला समागम है।
550 रुपए से बढ़ाकर 1250 रुपए प्रति किलोग्राम की कीमत
मंत्री महिंदर भगत ने कहा कि पंजाब में कोकून की कीमत 550 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 1,250 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है, जो सरकारी प्रयासों के चलते संभव हुआ है। सरकार रेशम किसानों, विशेष रूप से इस क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं को उचित मुआवजा सुनिश्चित कर रही है। राज्य ग्रामीण समुदायों को सशक्त करने के लिए इस क्षेत्र के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है।
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मंत्री भगत ने स्कॉच नेशनल अवार्ड-2024 का प्रतिष्ठित सिल्वर पुरस्कार जीतने पर गर्व व्यक्त किया और रेशम खेती के क्षेत्र में पंजाब की उपलब्धियों की सराहना की। यह पुरस्कार रेशम की कृषि प्रोजेक्ट के माध्यम से महिला सशक्तिकरण और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र को और प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को रेशम के कीड़ों के पालन के लिए शेड्स, आवश्यक उपकरण आदि पर 65 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि रेशम खेती करने वाले किसानों में 60 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं।
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