वैसे तो इंग्लैंड, वेस्टइंडीज़, न्यूज़ीलैंड और केन्या की टीमों में कई भारतीय मूल के खिलाड़ी खेल चुके हैं लेकिन अब ऑस्ट्रेलिया भी इससे पीछे नहीं है। बेशक भारत के साथ उसकी प्रतिद्वंद्विता जगज़ाहिर है लेकिन अपनी टीम को मज़बूत करने के लिए उसे किसी भी खिलाड़ी को अपनी टीम में शामिल करने से कोई परहेज नहीं है। ताज़ा मामला न्यूज़ीलैंड दौरे में पांच टी-20 मैचों की सीरीज़ के लिए चुने गए एक भारतीय मूल के खिलाड़ी को लेकर है। ये खिलाड़ी हैं तनवीर संघा।
तनवीर लेग स्पिनर हैं। 19 की उम्र में ही ऑस्ट्रेलिया का एक बड़ा वर्ग उन्हें शेन वॉर्न और स्टुअर्ट मैकगिल का उत्तराधिकारी मानने लगा है। तनवीर का परिवार 1997 में सिडनी जाकर बस गया था। परिवार मेहनती था। पिता जोगा सिंह ने सिडनी की सड़कों पर टैक्सी चलाई और मां ने बतौर अकाउंटेंट काम किया। सिडनी में इस दम्पति को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। तनवीर संघा नाम के उनका पुत्र बचपन में वॉलीबॉल का खिलाड़ी बनना चाहता था। दिन भर इस खेल में डूबा रहता था लेकिन धीरे-धीरे उसकी रुचि क्रिकेट में पैदा हुई। कुछ समय के लिए उन्हें अपने परिवार के साथ भारत आने का मौका मिला, यहां तनवीर ने अपनी कला में और भी सुधार किया, जिसका उन्हें ऑस्ट्रेलिया में आयु वर्ग टूर्नामेंटों के लिए चुने जाने में काफी फायदा हुआ।
तनवीर एज ग्रुप टूर्नामेंटों से ही ऑस्ट्रेलिया में एक जाना पहचाना चेहरा बन गया। अंडर 19 वर्ल्ड कप में भी उनका चयन हुआ लेकिन यहां वह वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाए जिसके लिए वह जाने जाते हैं। उनकी अब खास पहचान क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट – टी-20 में बनी है। इस खिलाड़ी का मानना है कि अफगानिस्तान के राशिद खान, ऑस्ट्रेलिया के एडम ज़ैम्प और नेपाल के संदीप लैमिछाने की गेंदबाज़ी को उन्होंने काफी करीब से देखा और उनसे बहुत कुछ सीखा।
तनवीर से पहले गुरिंदर संधू ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेल चुके हैं। छह साल पहले वह मेलबर्न में टीम इंडिया के खिलाफ एक वनडे मैच में उतरे थे, जहां उन्होंने 10 ओवर में 58 रन देकर एक विकेट हासिल किया था। तब उन्होंने आजिंक्य रहाणे को विकेट के पीछे कैय कराया था। गुरिंदर बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी और दाएं हाथ से तेज़ गेंदबाज़ी करते हैं। उनसे पहले भारत में जन्मे स्टुअर्ट क्लार्क और ब्रैंडबी कूपर भी ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेल चुके हैं। स्टुअर्ट के पिता ब्रूस चेन्नई से ताल्लुक रखते हैं। स्टुअर्ट को क्रिकेट प्रेमी प्यार से सरफराज़ कहा करते थे क्योंकि उनका गेंदबाज़ी का एक्शन पाकिस्तान के सरफराज़ नवाज़ से काफी मिलता जुलता था।
तनवीर संघा बिग बैश लीग में सिडनी थंडर्स की ओर से 17 वर्ष 346 दिन की उम्र में चुने जाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं और वह भी उन पर दिखाए गए भरोसे पर खरे उतरे और उन्होंने इस लाग में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। इस 19 साल के खिलाड़ी की गेंदबाज़ी में भी काफी मैच्योरिटी दिखाई दी। उनके सम्भवत: इसी प्रदर्शन के मद्देनज़र उन्हें ऑस्ट्रेलिया की टी-20 टीम में जगह दी गई है। अब न्यूज़ीलैंड के कड़े इम्तिहान में खरे उतरना उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी।
मनोज जोशी
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार एवं टीवी कमेंटेटर हैं)