Robots Marathon Race: चीन में इंसानों और रोबोट्स के बीच हुई दुनिया की पहली मैराथन दौड़

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Robots Marathon Race: चीन में इंसानों और रोबोट्स के बीच हुई दुनिया की पहली मैराथन दौड़
Robots Marathon Race: चीन में इंसानों और रोबोट्स के बीच हुई दुनिया की पहली मैराथन दौड़

चीन के विश्वविद्यालयों, रिसर्च संस्थानों और टेक्नोलॉजी कंपनियों की टीमों ने लिया रेस में हिस्सा
Robots Marathon Race (आज समाज) नई दिल्ली: चीन में इंसानों और रोबोट्स के बीच हुई दुनिया की पहली मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। इस रेस में चीन के विश्वविद्यालयों, रिसर्च संस्थानों और टेक्नोलॉजी कंपनियों की टीमों ने हिस्सा लिया। यहीं नहीं पहले, दूसरे व तीसरे स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार देकर भी सम्मानित किया गया। इस रेस में इंसानों के साथ 1 ह्यूमैनॉइड रोबोट्स दौड़े। 21 किलोमीटर की यह आधी मैराथन बीजिंग में आयोजित की गई थी। रेस की शुरुआत में सभी रोबोट्स को जिगजैग फॉर्मेशन में लाइन में खड़ा किया गया।

हर रोबोट एक-एक मिनट के अंतराल पर दौड़ शुरू करता। सबसे पहले Tiangong Ultra नाम का रोबोट दौड़ में उतरा, जिसे बीजिंग स्थित नेशनल एंड लोकल को-बिल्ट इंबोडिड एआई रोबोटिक्स इनोवेशन सेंटर ने बनाया है। ये इवेंट सिर्फ एक रेस नहीं बल्कि चीन की उस बड़ी कोशिश का हिस्सा है, जिसके जरिए वह रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में दुनिया में सबसे आगे निकलना चाहता है।

रेस के नियम

  • इस रेस में सिर्फ ह्यूमैनॉइड, बाइपेडल (दो पैरों वाले) रोबोट्स ही भाग ले सकते थे।
  • उनकी ऊंचाई 0.5 मीटर से 2 मीटर के बीच होनी चाहिए।
  • व्हील या चार पैरों वाले रोबोट्स की अनुमति नहीं थी।
  • टीमों को रेस के दौरान बैटरी या रोबोट बदलने की इजाजत थी, लेकिन हर बदलाव पर 10 मिनट की पेनल्टी लगती।
  • रेस में रिमोट-नियंत्रित और स्वायत्त दोनों तरह के रोबोट्स ने भाग लिया।
  • दौड़ की अधिकतम समय सीमा 3.5 घंटे रखी गई थी।
  • जीतने वाला रोबोट हमेशा वही नहीं होता जो सबसे पहले फिनिश लाइन पार करता है। समय और पेनल्टी के हिसाब से विजेता तय किया गया।

पुरस्कार राशि

  • पहला पुरस्कार- 5,000 युआन ($697)
  • दूसरा पुरस्कार- 4,000 युआन ($558)
  • तीसरा पुरस्कार- 3,000 युआन ($418)