लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि ‘दलित’ शब्द ‘संवैधानिक’ नहीं है और इसका उपयोग सरकारी भाषा में नहीं होता है इसलिए इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध का प्रश्न नहीं उठता । समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने विधानसभा में बसपा सदस्य मोहम्मद असलम राइनी के सवाल के लिखित जवाब में उक्त बात कही । राइनी ने प्रश्न किया था कि क्या सरकार ‘दलित’ शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करेगी, जो कि ‘‘असंसदीय’’ शब्द है। इस पर समाज कल्याण मंत्री ने जवाब दिया, ”दलित शब्द का शाब्दिक अर्थ है … दमन किया हुआ, जिसके अंतर्गत वह प्रत्येक व्यक्ति आ जाता है, जिसका शोषण-उत्पीड़न हुआ है ।” उन्होंने कहा कि दलित शब्द संवैधानिक शब्द ना होने और इस शब्द का उपयोग शासकीय भाषा में ना होने के कारण इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगने का प्रश्न नहीं उठता ।