नैतिक चरित्र का मूल्य धन की अपेक्षा अनेक गुणा अधिक हैं : विपिन शर्मा

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The value of moral character is many times more than money: Vipin Sharma
The value of moral character is many times more than money: Vipin Sharma

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के दिशा निर्देशानुसार आज राजकीय आरोही माडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मंढाणा में बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया।

मनुष्य को अधिक समृध बनाया जाए

नैतिक मूल्यों की शिक्षा के राज्य नोडल अधिकारी एवं पूर्व जिला बाल कल्याण अधिकारी विपिन कुमार शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि आज व्यक्ति एवं समाज में साम्प्रदायिक्ता, जातीयता भाषावाद, हिंसा, अलगाववाद की संकीर्ण भावनाओं व समस्याओं के मूल में नैतिक मूल्यों का पतन ही उत्तरदायी कारण है। आज आर्थिक विकास पर अत्यधिक जोर दिया जा रहा है। जितनी भी योजनाएं हैं इस तथ्य को ध्यान में रख कर बनाई जा रही हैं कि मनुष्य को अधिक समृध बनाया जाए। उन्होंने बताया कि शिक्षा भी इसी दृष्टि से दी जा रही है कि पढने वाला अधिक कमाऊ बन सकें। शिक्षा में इस बात की उपेक्षा ही दिखती है कि मनुष्य का व्यक्तित्व ऐसा बने जिसकी सुगन्ध से सारा वातावरण महकने लगे। नैतिकता की धर्म भावना, कर्तव्य परायणता एवं सदाचार की अभिवृद्धि के लिए सभी का ध्यान नहीं के बराबर है। इस दिशा में जो कुछ किया जा रहा है वह बहुत ही अल्प है।

अच्छे चरित्र का व्यक्ति निर्धन रहकर भी ऋषियों की तरह प्रकाशमान बन सकता है

आवश्यकता इस बात की है कि आर्थिक विकास से भी अधिक ध्यान नैतिक मूल्यों के लिए दिया जाए और उसके लिए विशाल परिमाण में रचनात्मक कार्य करने का विचार किया जाए। आर्थिक विकास का मूल्य तभी रह सकता है जब वह सज्जनता सम्पन्न व्यक्तियों का होता हो। यदि दुष्ट और दुर्जन साधन सम्पन्न बन जाएगें तो उससे समाज का अहीत ही होगा। दुर्गुणी व्यक्तियों की बढी हुई कमाई ऐसे कामों में खर्च होती है जिससे अशांति व अनाचार का ही सृजन होता है। धन की अपेक्षा व्यक्तित्व का मूल्य अधिक होता है। अच्छे चरित्र का व्यक्ति निर्धन रहकर भी ऋषियों की तरह प्रकाशमान बन सकता है परन्तु अपार धन होते हुए भी दुर्जन मनुष्य केवल विनाश ही प्रस्तुत कर सकता है। अन्त में उन्होंने सभी बच्चों से अपने माता-पिता व गुरूओं का सम्मान करने व छोटो से प्यार करने के लिए प्रेरित किया तथा सभी अच्छी आदतों को अपने व्यवहार में लाने की अपील की ताकि अच्छी शिक्षा के साथ-साथ देश के अच्छे नागरिक भी बनें जिससे अच्छे परिवार, अच्छे समाज व अच्छे राष्ट्र का निमार्ण हो सके। उन्होंने बच्चों से शराब या किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने की हिदायत देते हुए कहा कि वे किसी भी प्रकार की बुराई से हमेशा दूर रहे।

अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ अच्छे नागरिक भी बने

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य लीलाराम यादव ने नैतिक मूल्यों पर अपने विचार रखे और बच्चों से अपील की कि वे बताई गई सभी बातों को अपने जीवन में व्यवहारिक रूप से लागू करें तथा अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ अच्छे नागरिक भी बने। उन्होंने बच्चों से कहा कि बिना नैतिक मूल्यों के कागज की डिग्री का जीवन में कोई महत्व नहीं है। उन्होंने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलवाया कि वे अपने विद्यालय के बच्चों को प्रतिदिन नैतिक मूल्यों की शिक्षा से अवगत करके जागरूक करते रहेंगे।

इस अवसर पर सुरेन्द्र शर्मा तीरन्दाजी कोच बाल भवन नारनौल तथा विद्यालय के समस्त प्रवक्तागण, अध्यापकगण व अन्य कर्मचारी तथा स्कूली बच्चे उपस्थित रहे।

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