इशिका ठाकुर,करनाल :
कहा: गौ हत्या और धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए सरकारें कठोर कदम उठाएं, गौ रक्षकों को गुंडा कहना गलत
पुरी पीठ के पीठाधिश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी सरस्वती महाराजने धर्म सभा को संबोधित किया
कोई भी संस्था या संस्थान व्यास पीठ से ऊपर नही, गौ हत्या और धर्मपरिवर्तन के लिए राजनेता दोषी, राजनीति धर्म के अधीन हों
पुरी पीठ के पीठाधिश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी सरस्वती महाराज ने कहा है कि हिंदुओं का लक्ष्य अखंड भारत हैं। भेद में भेद का दर्शन होगा। भेद जरूरी हैं। लेकिन हिंदुओं को लक्ष्य से दूर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की आयु दो सौ साल से अधिक नहीं हैं। लेकिन गुरू परंपरा सनातन परंपरा एक अरब 97 करोड़ 29 लाख 49 हजार एक सौ वाइस हैं। उन्होंने कहा कि हमने किसी की नकल नहीं की हैं। दूसरों ने हमारी नकल की हैं।
धर्म परिवर्तन के लिए राजा ही दोषी होता हैं
वह करनाल में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में बोल रहे थे। उन्होंने सनातन धर्म सभा में धर्म सभा को संबोधित किया। इससे पहले वह पद यात्रा कर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। पुरी पीठ के पीठाधिश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी सरस्वती महाराज का स्वागत शंख ध्वनि के साथ किया। समूचा पांडाल शंख के उद्घोष से गूंज उठा। उन्होंने कहा कि सरकारों को धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा तालिवान का उदाहरण करते हुए कहा कि वहां पर धर्म परिवर्तन करने वालों को सजा-ए -मौत दी थी। उन्होंने कहा कि गौ हत्या इसी तरह चलती रही तो इतिहास हिंदुओं को कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि गौ हत्या और धर्म परिवर्तन के लिए राजा ही दोषी होता हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति धर्म के अधीन होना चाहिए।
राजनीति और धर्म एक दूसरे के पर्याय हैं
देश में राज धर्म का प्रयोग धर्म के अनुसार होता हैं। राजनीति और धर्म एक दूसरे के पर्याय हैं। अधर्मी राजा हमेशा देश और समज के लिए खतरनाक होता हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्थान या राजनेता व्यास पीठ से ऊपर नहीं होता हैं। जगदगुरु ने कहा कि मोदी और योगी उनके प्रिय हैं लेकिन वह भी व्यास पीठ से ऊपर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज के कमजोर होने से देश कमजोर होगा। हिंदुओं का सशक्त होना संसार के हित में हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने गौरव को फिर से स्थापित कर रहे हैं तो क्या गलत हैं। हमारी पंरपराओं और हमारे देवताओं को अपमानित करने वालों को करारा जवाब मिलेगा। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म और वैदिक संस्कृति संसार के उदगम के साथ ही शुरू हो गई थी।
सपना भारत को अखंड हिंदू राष्ट्र बनाना है
हिंदू संस्कृति के तहत विज्ञान और राष्ट्र के उत्कर्ष के साथ अखंड भारत का स्वरूप विश्व के हित में हैं। उन्होंने कहा कि जो अहंकार के वशीभूत होकर जो काम करते हैं। वही असफल होता हैं। उन्होंने कहा कि संत को धन की आशक्ति से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा द्वारा बनाए संत धन की आशक्ति और दिखावे के अधीन हो सकते हैं लेकिन पंरपरा से बने संत अलग होते हैं। वह दिखावा और धन की आशक्ति से दूर रहते हैं। श्री शंकराचार्य जी ने कहा कि वह सनातन संस्कृति को अलख जगाने के लिए निकले हैं। आज भारत के लोग सनातन संस्कृति और अखंड भारत की गौरवशाली पंरपरा को भूल चुके हैं। आज देश में वह इसकी अलख जगा रहे है। उन्होंने कहा कि उनका सपना भारत को अखंड हिंदू राष्ट्र बनाना हैं।
समाज के गणमान्य नागरिक मौजूद
जहां पर सभी को सम्मान और प्यार मिले। आने वाले ढाई वर्ष की अल्पावधि में हिन्दू राष्ट्र निर्माण के लक्ष्य की पूर्ति के लिए अनन्त श्री विभूषित श्री गोवद्र्धन मठ पुरी पीठाधिश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती जी परिव्राजक मर्यादा का पालन करते हुए इस वृद्धावस्था में भी अपने परिकरों सहित राष्ट्रोत्कर्ष अभियान के अन्तर्गत भारत और नेपाल के विभिन्न क्षेत्रों में धर्मसभा एवं सगोष्ठियों के माध्यम से सनातन-वैदिक संस्कृति के प्रति स्वस्थ वैचारिक क्रांति का सूत्रपात कर रहे हैं ! इसी क्रम में श्री गोवद्र्धन मठ पुरी पीठाधिश्वर श्री जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानन्द सरस्वती महाराज जी का राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा के क्रम में भारत के छत्तीसगढ़, गुजरात, दिल्ली एवं हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों की यात्रा करते हुए करनाल पहुंचे। यहां पर समाज के गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
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