अब पंजाब की जेलों में बंद कैदियों को दूसरे राज्यों में भेजा जा सकेगा
Punjab News Update (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन जो विधेयक पास हुए उनमें से एक महत्वपूर्ण विधेयक द ट्रांसफर आफ प्रिजनर्स (पंजाब संशोधन विधेयक 2025) को भी सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। दरअसल इस विधेयक को पंजाब के जेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर द्वारा पेश किया गया।। जिसके बाद इसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। यह विधेयक विधानसभा में पेश करते हुए कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, जो कई प्रकार की गंभीर आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है।
जेल मंत्री ने यह दलील दी
भुल्लर ने कहा कि पंजाब की विभिन्न जेलों में राष्टÑ-विरोधी गतिविधियों में शामिल अपराधी, अंतरराष्टÑीय एजेंसियों से जुड़े आतंकी, ए श्रेणी के गैंगस्टर, तस्कर और खतरनाक अपराधी बंद हैं, जो जेल के अंदर से ही अपने आपराधिक नेटवर्क संचालित करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि कैदियों के ट्रांसफर एक्ट, 1950 में यह संशोधन करना आवश्यक हो गया था, ताकि मुकदमे का सामना कर रहे कैदियों को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जा सके।
जेल मंत्री ने आगे बताया कि कैदियों के ट्रांसफर एक्ट, 1950 में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, जिसके तहत पंजाब की जेलों में बंद मुकदमे वाले कैदियों को अन्य राज्यों में भेजा जा सके। उन्होंने आगे कहा कि कानून-व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा को लेकर उत्पन्न होने वाले खतरे को देखते हुए और जेल प्रणाली को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए यह संशोधन आवश्यक हो गया था। उन्होंने कहा कि यह विधेयक मुकदमे वाले कैदियों को राज्य से अन्य राज्यों में भेजने की कानूनी मंजूरी देने के उद्देश्य से लाया गया है।
जल संशोधन अधिनियम को अपनाने संबंधी प्रस्ताव पारित
पंजाब के संसदीय मामलों के मंत्री डा. रवजोत सिंह द्वारा आज प्रस्तुत जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) संशोधन अधिनियम, 2024 को अपनाने संबंधी प्रस्ताव पंजाब विधानसभा द्वारा पारित कर दिया गया। इस प्रस्ताव के पारित होने से इस अधिनियम को पंजाब में अपनाने की स्वीकृति मिल गई है।
डा. रवजोत सिंह ने बताया कि भारत की संसद ने 1974 में जल प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और जल की शुद्धता बनाए रखने के उद्देश्य से जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 लागू किया था। उन्होंने बताया कि पंजाब विधानसभा ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 252 के तहत, 3 फरवरी, 1975 को पारित प्रस्ताव के माध्यम से इस अधिनियम को अपनाने का निर्णय लिया था।
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