The third bill related to agriculture was also passed amid heavy opposition from the opposition: विपक्ष के भारी विरोध के बीच कृषि से संबंधित तीसरा बिल भी हुआ पास

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सरकार द्वारा पारित कराए गए दो कृषि विधेयकों पर संसद में विपक्ष ने जमकर हंगामा काटा। कृषि विधेयक को लेकर हो रहेविपक्ष के भारी हंगामे के बीच आज केंद्र सरकार ने एक और विधेयक पारित करा लिया। बता दें कि कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों द्वारा मॉनसून सत्र का बहिष्कार करने केनिर्णय किया है। मंगलवार को राज्यसभा ने अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्‍याज व आलू को आवश्‍यक वस्‍तुओं की सूची से हटाने के प्रावधान वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। इससे पहले रविवार को राज्यसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी थी। आज मंगलवार को आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक राज्यसभा से पास किए जाने के बाद कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को संसद की मंजूरी मिल गई। अब इन विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। हालांकि कल विपक्षी पार्टियों ने विधेयक के संबंध में राष्ट्रपति से भी मिलने का समय मांगा था। साथ ही विपक्ष की कांग्रेस पार्टी सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने एक स्वर में कहा कि जब तक कृषि बिलों का वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक वे संसद के बचे हुए मॉनसून सत्र का बहिष्कार करेंगी। रविवार को राज्यसभा में कृषि बिलो ंकेविरोध में भारी हंगामा हुआ। विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने वि रोध करते-करते संसद की मर्यादा का भी ख्याल न हीं र खा और उपसभापति के माइक को तोड़ दिया। उन्होने रूल बुक फाड़दी। इस संदर्भ में राज्यसभा के स भापति वैंकया नायडू ने आठ सांसदों को निलंबित किया जिसके बाद यह सांसद संसद भवन में ही स्थित गांधी जी की प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए। हालांकि यह धरना पूरी रात चलने केबाद सुबह समाप्त कर दिया गया।

इस कार्रवाई के बाद ये आठों सांसद संसद परिसर में ही सोमवार को धरने पर बैठ गए। रातभर वे धरने पर बैठे रहे, सुबह होते ही उपसभापति हरिवंश अपने घऱ से चाय लेकर उनके पास पहुंचे। मगर सासंदों ने धरना खत्म नहीं किया। इसके बाद उपसभापति खुद एक दिन के उपपास पर बैठ गए। हालांकि, बाद में आठों सांसदों ने धरना खत्म कर दिया।