नाभा और रोपड़ के सीमेन स्टेशनों में मुर्रा और अन्य नस्लों के कुल 139 सांड रखे गए
Punjab News (आज समाज)चंडीगढ़ : राज्य में पशुओं की नस्ल में सुधार कर दूध उत्पादन और पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से पंजाब के पशुपालन विभाग ने राज्यभर में वार्षिक 30 लाख दुग्ध पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य निर्धारित किया है।
यह जानकारी साझा करते हुए आज पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मछली पालन मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि राज्य में नाभा और रोपड़ स्थित दो सीमेन स्टेशन हैं। उन्होंने बताया कि पशुधन के आनुवंशिक गुणों को बेहतर बनाने के लिए अच्छी गुणवत्ता के वीर्य उत्पादन के लिए नाभा के ए-ग्रेड सीमेन स्टेशन में कुल 93 सांड (बुल) रखे गए हैं। इनमें 60 मुर्रा नस्ल के सांड, 10 नीली रावी नस्ल के सांड, 7 होल्सटाइन फ्रीजियन (एच.एफ.), 4 एच.एफ. क्रॉस, 3 जर्सी और 9 साहिवाल नस्ल के सांड शामिल हैं। इसी प्रकार रोपड़ के बी-ग्रेड सीमेन स्टेशन में कुल 46 सांड रखे गए हैं। इनमें 26 मुर्रा नस्ल के और 8 नीली रावी नस्ल के सांडों के अलावा 4 होल्सटाइन फ्रीजियन (एच.एफ.), 1 एच.एफ. क्रॉस और 7 साहिवाल नस्ल के सांड शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नीली रावी के लिए पैडिग्री सिलेक्शन और मुर्रा व साहिवाल के लिए प्रोजनी टेस्टिंग (पी.टी) परियोजनाएं शुरू की गई हैं। ये परियोजनाएं राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एन.डी.डी.बी.) के माध्यम से मुर्रा, साहिवाल और नीली रावी नस्लों के आनुवंशिक गुणों में सुधार पर केंद्रित हैं।