नई दिल्ली । पीएम मोदी ने भारत के युवाओं के लिए संदेश दिया और कहा कि यह एक नया भारत है जहां युवाओं के सरनेम मायने नहीं रखते हैं। वह एक कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से बोल रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि यह वह भारत है जहां भ्रष्टाचार कभी भी विकल्प नहीं है। बीते समय में एक दोषपूर्ण संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा था। जिसमें महत्वाकांक्षा एक खराब शब्द बन गया था। जहां पर सरनेम और कांन्टेक्ट के आधार पर दरवाजे खुलते थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों और संगठनों के बीच संवाद अवश्य होना चाहिए, भले ही उनके सोचने का तरीका कुछ भी हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें हर बात पर सहमत होने की जरूरत नहीं है, सार्वजनिक जीवन में इतनी सभ्यता होनी चाहिए कि विभिन्न विचारधाराओं के लोग एक दूसरे को सुन सकें। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि लाइसेंस राज और परमिट राज की आर्थिक संस्कृति व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के आड़े आ रही थी।