नई दिल्ली। भारत में नए संसद भवन के निर्माण के लिए अब सुप्रीम कोर्टकी भी मंजूरी मिल गई। नए संसद भवन के निर्माण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया जिससे नए संसद भवन के बनने का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि सेंट्रल विस्टा परियोजना मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी हरी झंडी दिखा दी है। सेंट्रल विस्टा परियोजना को सुप्रीम कोर्टमें चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई के बाद फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू करने के लिए हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की मंजूरी आवश्यक है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि समिति से अप्रूवल प्राप्त करने के बाद ही काम शुरू करें। बता दें कि इस परियोजना को लेकर पर्यावरण मंजूरी दिए जाने और भूमि उपयोग में बदलाव के साथ ही कई बिंदुओं पर सवाल उठाए जा रहे थे। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ इन याचिकाओं पर 2-1 के बहुमत से फैसला सुनाया। सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए भूमि उपयोग में बदलाव और पर्यावरण मंजूरी देने के बहुमत के फैसले से न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने असहमति जताई। न्यायालय ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के प्रस्तावक को सभी निर्माण स्थलों पर स्मॉग टॉवर लगाने और एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया।