नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
तर्क एवं योग्यता ओलंपियाड़ परीक्षा बीते 4 दिसंबर को सीकर राजस्थान में आयोजित की गई। जिसमें क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिसमें श्रीकृष्णा स्कूल के विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए स्कूल एंव जिले का नाम गौरवान्वित किया है।
इस बारे में जानकारी देते कॉर्डिनेटर सुशीला यादव व स्मृति ने बताया कि श्रीकृष्णा स्कूल सीहमा में तर्क एवं योग्यता ओलम्पियाड़ परीक्षा में सीकर में आयोजित की गई। जिसमें स्कूल के पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिसमें कक्षा पांचवी से टिवंकल, प्रिंस, शुभम, कुनाल, कार्तिक, अवनी, साहिल व खुशदीप सहित आठ विद्यार्थियों ने तर्क-योग्यता ओलम्यिाड़ में उत्कृष्ट प्रर्दशन करते हुए दिवतीय राउंड भी क्वालीफाई कर लिया।
इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन डॉ. बीरसिंह यादव ने विद्यार्थियों ने संबोधित करते हुए कहा कि तर्क एवं योग्यता से ही मनुष्य मस्तिष्क का चहुंमुखी विकास होता है एवं बिना तर्क के सत्य भी असत्य बन जाता हैं। तर्क जीवन को नई सार्थकता देते हैं, नया आधार देते हैं एवं विश्वास करने का एक नया आयाम देते हैं तार्किक विकास ही मानव जीवन की सबसे बड़ी धरोहर है।
इस अवसर पर स्कूल का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा
इस मौके पर स्कूल के प्राचार्य एसएस यादव ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि ज्ञान, विज्ञान, भाषा, गणित और कलां तर्क-वितर्क की शक्ति पर निर्भर है। तर्क-वितर्क विद्यार्थी के लिए बहुत जरूरी है। तर्क-वितर्क से ही हमें सही एवं गलत का ज्ञान होता है। उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट योग्यता को प्रतिभा माना जाता है। क्षमता विकसित ज्ञान, समझ, एवं कौशल का दृष्टिकोण है। योग्यता की सहज प्रकृति कौशल एवं उपलब्धि के विपरीत है। जो ज्ञान या क्षमता का प्रतिनिधित्व करती है एवं सीखने के माध्यम से ही प्राप्त होती है। इस अवसर पर स्कूल का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
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