Aaj Samaj (आज समाज), The Struggle To Empower Women, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
महिलाओं के लिए शिक्षा और समानता हासिल कर सशक्त बनने का संघर्ष एक लंबी लड़ाई रही है। सावित्रीबाई फुले इस संघर्ष की मशाल थामने वाला एक ऐसा नाम है। जिसने सही अर्थो में महिलाओं को सशक्त बनने की राह सुझाई। अनगिनत बंदिशों और भेदभाव के उस दौर में भी देश की इस पहली महिला शिक्षिका ने न केवल खुद अपनी शिक्षा पूरी की बल्कि लड़कियों की शिक्षा के लिए पहल भी की।
करीब डेढ़ सौ साल पहले शिक्षा और सजगता की अलख जगाने वाली सावित्रीबाई फुले ने उन स्त्री विरोधी मान्यताओं को ध्वस्त किया, जो असल में महिलाओं के जीवन को जकड़े हुई थीं। सावित्रीबाई ने स्त्री मुक्ति की जो परिभाषा दी, वह वाकई सार्थक थी क्योंकि शिक्षित होना अपने हर अधिकार और कर्तव्य के लिए जागरूक होना है।
उक्त विचार हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स महेंद्रगढ़ के जिला सचिव मनोज गौतम ने सतनाली मोड़ स्थित हार्टरोन स्किल एवं कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर महेंद्रगढ़ पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये । सावित्री देवी फूले की जयंती के उपलक्ष्य में हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नारी सशक्तिकरण और कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध कविताएं पढ़ी गई एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस अवसर पर मुस्कान शर्मा, मीरा, प्रियंका, संगीता, गुलशन, सचिन, आशीष, रोहित, विकास, मंचल आदि काफी संख्या में युवा और युवतियां मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें : Mahendragarh Cricket Team: हकेवि की क्रिकेट टीम ने केबीसीएनएम विश्वविद्यालय, जलगांव को छह विकेट से हराया