FARIDABAD NEWS (AAJ SAMAAJ) : गोपाल अरोड़ा । सेक्टर-तीन रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के नेतृत्व में नागरिकों द्वारा दस साल से किए जा रहा संघर्ष रंग लाया और सैकड़ों मकानों के ऊपर से गुजर रही 66 हजार केवी की हाईटेंशन बिजली लाइन शिफ्ट हो गई। लाइन शिफ्ट होने से गुरुग्राम कैनाल के साथ 60 वर्ग गज के करीब एक सौ मकान मालिकों ने राहत की सांस ली है और वर्षों बाद मकान मालिकों ने अपने घर की छत पर जाने के तालों को खोला है। एक्सीडेंट के डर से अक्सर ताले बंद करके रखते थे। पीडि़त नागरिकों ने इस 66 हजार केवी लाइन शिफ्टिंग का पूरा श्रेय रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के प्रधान व राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन लीडर सुभाष लांबा व सचिव रतनलाल राणा व फेडरेशन के उन तमाम पदाधिकारियों को दिया है, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से पिछले दस सालों से निरंतर संघर्ष किया। दर्जनों धरने प्रदर्शन किए। इसके लिए अंतिम प्रदर्शन 8 जून 2024 को एचवीपीएन के सेक्टर-18 स्थित एसई कार्यालय पर किया गया था। मौके पर मौजूद एक्सईएन दीपक गर्ग ने नागरिकों को आश्वस्त किया था कि एक सप्ताह के अंदर शिफ्टिंग करने के लिए सामान साइट पर पहुंचना शुरू हो जाएगा और ऐसा ही हुआ। इसके लिए नागरिकों ने उनका भी आभार प्रकट किया है।
सेक्टर तीन रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के प्रधान सुभाष लांबा व सचिव रतनलाल राणा ने बताया कि लगभग एक सप्ताह से शिफ्टिंग का काम चल रहा था, शुक्रवार को यह पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि करीब तीस साल पहले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने 66 हजार केवी लाइन के नीचे 60 वर्ग गज के करीब एक सौ प्लाट आवंटित किए। नागरिकों ने प्लाट बदलने का आग्रह किया, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो प्लाट मालिकों ने मजबूर होकर वहां मकान बना दिए। उसके बाद छतों पर एक्सीडेंट होने शुरू हो गए। यहां अब तक एक्सीडेंट्स में एक दर्जन निर्दोष नागरिक मौत के मुंह में जा चुके हैं। पिछले साल भी तीन मजदूर मौत के मुंह में चले गए थे। उन्होंने बताया कि फेडरेशन ने करीब दस पहले इस लाइन शिफ्टिंग के मुद्दे को उठाना शुरू किया। फेडरेशन के पदाधिकारी पूर्व सीएम मनोहर लाल, बिजली विभाग के एसीएस, एचवीपीएन के एमडी, चीफ इंजीनियर से मिले और शिफ्टिंग की मांग उठाई। उन्होंने बताया कि फेडरेशन को कई साल तो यह समझाने में लगा दिए कि लाइन के नीचे अनाधिकृत कॉलोनियों की तरह प्लांट्स नहीं है। यह प्लाट हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने आवंटित किए हैं। उसके बाद लाइन शिफ्ट करने के लिए रुट प्लान के लिए ज्वाइंट सर्वे किया। फिर रुट प्लान स्वीकृत किया गया। आखिरकार एचएसवीपी ने 30 मार्च 2022 को 42 लाख रुपए लाइन शिफ्टिंग के लिए एचवीपीएन को जमा करवा दिए। इसके बावजूद लाइन शिफ्ट नहीं हुई और पिछले साल एक्सीडेंट में 3 मजदूर मौत के मुंह में चले गए। आक्रोशित नागरिकों ने फिर सडक़ पर आकर प्रदर्शन किया और सडक़ जाम की। इसके बाद तुरंत शिफ्टिंग का आश्वासन तो मिला, लेकिन पूरा नहीं हुआ। फेडरेशन के प्रधान सुभाष लांबा ने बताया कि 5 जून को मकान नंबर 503 में फिर एक्सीडेंट हो गया। जिसके एक नागरिक फिर बुरी तरह झुलस गया। इसके गुस्साए नागरिकों ने 8 जून को एसई कार्यालय का घेराव किया और प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे एक्सईएन दीपक गर्ग ने एक सप्ताह बाद शिफ्टिंग का काम शुरु करने का आश्वासन दिया। आश्वासन के अनुसार शिफ्टिंग का काम शुरू हो गया और कंप्लीट हो गया। श्री लांबा ने बताया कि इसके लिए नागरिकों ने पिछले दस सालों में कदम कदम पर संघर्ष करने पर मजबूर होना पड़ा। लेकिन हमें खुशी है कि अब किसी की जान नहीं जाएगी और ना ही इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रानिक उपकरण जलेंगे।
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5एफबीडी-6 : सैक्टर-3 स्थित हाईटेंशन लाईन शिफ्ट करते कर्मचारी। आज समाज
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