नई दिल्ली। भारतीय सेना की ताकत में जल्द ही इजाफा होने वाला है। भारतीय सेना को जल्द ही सबसे ताकतवर विमान राफेल मिलने वाला है। फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल का पहला विमान 20 सितंबर को भारत में आने वाला है। पहले लड़ाकू राफेल विमान को रिसीव करने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय वायुसेना के चीफ बीएस धनोआ फ्रांस जाएंगे। गौरतलब है कि फ्रांस से राफेल विमान का सौदा होने के बाद भारत में इसे लेकर बहुत राजनीति हुई थी। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने उस वक्त संसद से लेकर सड़क तक राफेल विमान सौदे पर सवाल खड़े किए थे। रक्षा अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि प्लान के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एक बड़े भारतीय सैन्य दल को सितंबर के तीसरे सप्ताह में राफेल विमान को रिसीव करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा फ्रांस भेजा जा रहा है।
फ्रांस जब भारत को राफेल विमान सौंपेगा, उस वक्त रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ के साथ-साथ फ्रांस सरकार के भी कई बड़े अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है कि अगले साल मई तक फ्रांस से सभी राफेल भारत को सौंप दिए जाएंगे। दरअसल, भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमानों का सौदा किया है, जो अगले साल मई से भारत पहुंचना शुरू हो जाएगा। रक्षा मंत्री सिंह और भारतीय वायुसेना प्रमुख बोर्डो में विमान निर्माण संयंत्र के पास फ्रांसीसी अधिकारियों से पहला विमान प्राप्त करेंगे। अधिकारियों के मुताबिक फ्रांस की कंपनी भारत को जो राफेल विमान देने वाली है, वह फ्रांस की वायुसेना के बेड़े में शामिल लड़ाकू विमान से भी एडवांस है। भारतीय पायलटों के एक छोटे बैच को फ्रेंच एयर फोर्स प्लेन पर पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है। भारतीय वायुसेना के ये पायलट भारतीय वायुसेना 24 पायलटों को ट्रेन्ड करेगी जो राफेल लड़ाकू विमान को उड़ाने के लिए तैयार हो सकेंगे। इन्हें अलग-अलग तीन बैचों में अगले साल मई तक ट्रेनिंग दिया जाएगा। मई तक सभी राफेल भारत आ जाएंगे। भारतीय वायु सेना राफेल लड़ाकू विमान के एक-एक दस्ते को हरियाणा के अंबाला और बंगाल के हाशिमारा में अपने एयरबेस पर तैनात करेगी।