मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, राज्यसभा सांसद सुभाष बराला, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने सांध्य कालीन आरती में की शिरकत
International Geeta Mahotsav (आज समाज) कुरुक्षेत्र : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पावन धरा से पूरे विश्व को गीता के उपदेश दिए। इस पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश आज भी पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक है। इसलिए कुरुक्षेत्र का महत्व पूरे विश्व में है। इस पावन धरा पर हर वर्ष कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से अंतर्राष्टद्द्रीय गीता महोत्सव और सभी संस्थाओं की तरफ से भी गीता महोत्सव को परम्परागत और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस सांध्यकालीन महाआरती को देखने पर सुखद अहसास होता है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शनिवार को देर सायं ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, राज्यसभा सांसद सुभाष बराला, पर्यटन मंत्री डा. अरविंद शर्मा, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, नप की पूर्व अध्यक्षा उमा सुधा, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील राणा, भाजपा नेता जयभगवान शर्मा डीडी, चेयरमैन धर्मवीर मिजार्पुर, जिप के उपाध्यक्ष धर्मवीर मिजार्पुर, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, श्री भद्रकाली शक्तिपीठ के पीठाधीश सतपाल महाराज, प्राधिकरण के सदस्य सौरभ चौधरी, विजय नरुला, केडीबी सदस्य डा. ऋषिपाल मथाना, कैप्टन परमजीत सिंह, अशोक रोशा, एमके मोदगिल, युद्घिष्ठद्दर बहल ने अंतर्राष्टद्द्रीय गीता महोत्सव पर ब्रहमसरोवर की महाआरती और पूजा-अर्चना की तथा दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रुप से महाआरती का शुभारम्भ भी किया।
गीता के श्लोकों का स्मरण करने से मन को शांति मिलती
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की पवित्र स्थली ज्योतिसर से पूरे विश्व को गीता का ज्ञान मिला। गीता में दिए ज्ञान में मानव की हर समस्या का समाधान निहित है। गीता के श्लोकों का स्मरण करने से जहां मन को शांति मिलती है वहीं हमारे आध्यात्मिक ज्ञान में भी वृद्घि होती है। कुरुक्षेत्र स्थित ब्रहमसरोवर व सन्निहित सरोवर के जल के आचमन मात्र से ही मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है। सूर्य ग्रहण, सोमवती अमावस्या, चौदस सहित अन्य धार्मिक अवसरों पर इन सरोवरों के पवित्र जल में स्नान करने से हजारों यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।
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