नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से केंद्र सरकार ने आर्टिकल-370 हटा कर उसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया है। इसके तुरंत बाद वहां प्रतिबंध लगा दिए गए थे। मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गर्इं थीं। अब धीरे-धीरे वहां हालात सामान्य हो रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने वहां कई दिनों तक रह कर हालात का जायजा लिया था और स्थिति नियंत्रण में रखी थी। उन्होंने शनिवार को बताया कि जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य होने की तरफ बढ़ रहे हैं। श्रीनगर से रोजाना 750 ट्रक निकल रहे हैें। राजनेताओं को हिरासत में लिए जाने के मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा- सभी कदम कानून के मुताबिक उठाए गए हैं और वे अपनी हिरासत को कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजनेता प्रिवेंटिव डिटेंशन में हैं। अगर वहां पर लोग एकजुट होते तो कानून-व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति पैदा हो सकती थी। आतंकवादी इस स्थिति का इस्तेमाल कर सकते थे।
डोभाल ने कहा कि घाटी में प्रतिबंध कब तक जारी रहेंगे, यह इस बात पर निर्भर करता है कि पाकिस्तान हमारे साथ कैसे व्यवहार करता है। स्थिति के हिसाब से कदम उठाया जाएगा। अगर पाकिस्तान ठीक व्यवहार करेगा, आतंकवादी घुसपैठ नहीं होगा और पाकिस्तान अपने टावर के जरिए गुर्गों को सिग्नल भेजना बंद कर देगा तो हम प्रतिबंध हटा सकते हैं। पाक की ओर से गुर्गों को आया भेजा गया कि क्या तुम्हारे लिए हमें चूड़ियां भेजनी चाहिए? राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने आगे कहा कि पाकिस्तान झूठ का प्रचार प्रसार कर रहा है और कुछ अनजान लोग एक या दो घटनाओं को जनता की राय मान कर बात कर रहे हैं। एनएसए डोभाल ने कहा कि सिर्फ एक घटना सामने आई है जिसमें छह अगस्त को एक युवक की मौत हुई है। उसकी मौत बुलेट की गोली से नहीं हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह पता चला है कि उसकी मौत इसलिए हुई क्योंकि कुछ ठोस चीज उसे लगी है। एनएसए ने आगे कहा कि पाकिस्तान परेशानी खड़ी करने की कोशिश कर रहा है। 230 पाकिस्तानी आतंकियों का पता चला है। उनमें से कुछ ने घुसपैठ की थी और कुछ को गिरफ्तार किया गया है। हम पाकिस्तानी आतंकवादियों से कश्मीरियों के जीवन की रक्षा के लिए दृढ़ हैं, भले ही हमें प्रतिबंध लगाने पड़ें। आतंक एकमात्र ऐसा साधन है जिससे पाकिस्तान अशांति पैदा करता है।