जगदीश,नवांशहर:
बंगा के विद्वान ब्राह्मण पंडित जयराम गौड़ ,पंडित गौरीशंकर गोड ,भगवान लक्ष्मीनारायण तथा भगवान शिव के उपासक थे ।उन्होंने दाना मंडी बंगा में 1927 ई. के दौरान श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर तथा भगवान शिव के मंदिर का निर्माण करवाया । जानकार बताते हैं उन्होंने अपने गोड वंश की समृद्धि तथा इलाके के लोगों में धर्म संचार करने के उद्देश्य से मंदिर का निर्माण करवाया । उन्होंने अपने जीवन की सभी जमा पूंजी इस मन्दिर निर्माण कार्य में लगाए । भगवान शिव के मंदिर में शिव ज्योतिलिंग पर पंचामृत के साथ बेलपत्र भांग धतूरा ,कनेर के फूल के साथ पूजा अर्चना करने वाले साधक की भगवान आस्था व मनोकामना पूरी करते हैं ।
क्या कहते गोंडवंश वंशी जगदीप कौशल
मंदिर ट्रस्ट के पूर्व मेंबर स्वर्गीय प्यारेलाल लाल कौशल के पुत्र जगदीप कौशक बताते हैं कि मंदिर निर्माण में पंडित जयराम गौड , पंडित गौरी शंकर गौड का साथ उनके भतीजे पंडित मोहन लाल व पंडित सोहन लाल ने दिया।
– मंदिर की सेवा से जुड़े ट्रस्टीज राममूर्ति शास्त्री,परमजीत गौड,संजीव भारद्वाज , डॉ प्रेम दत्ता कर रहे है। इनके साथ ये मंदिर की धार्मिक अनुष्ठान सेवा पंडित कांशीनाथ तथा श्यामलाल का परिवार कर रहा है । मंदिर के पुजारी श्यामलाल का कहना है किे जो भी साधक मन्दिर से आस्था के साथ जुड़ते हैं उनकी सभी मनोकामना श्री लक्ष्मीनारायण तथा भोलेबाबा खुद करते हैं । उन्होंने कहा कि सावन मास में भोले बाबा को खुश करने के लिए भगत मन्दिर परिसर में सुबह से ही लाइनों में लग जाते हैं । भोले बाबा को बेलपत्र भांग धतूरा कच्ची लस्सी दूध दही शाहद व पंचामृत के साथ अभिषेक करवाया जाता । मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित कांशीनाथ भगत- जनो की कामना के साथ वेद मंत्रों का उच्चारण करके साधकों से अभिषेक करवाते है। मंदिर में सावन मास का धार्मिक अनुष्ठान तथा महा शिवरात्रि का उत्सव श्रद्धा व धूमधाम से मनाया जाता है ।
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