श्रीनगर। अलगाववादी बड़ेनेता सैयद अली शाह गिलानी ने आज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस सेअलग होने का फैसला किया। गिलानी हुर्रियत के के उस धड़े से अलग हो रहे हैंजिसका गठन उन्होंने 2003 में किया था। नब्बे वर्षीय गिलानी के प्रवक्ता ने मीडिया के लिए चार लाइनों केपत्र और एक आॅडियो संदेश में कहा कि ‘गिलानी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस फोरम से पूरी तरह से अलग होने की घोषणा की है।’ गिलानी नेहुर्रियत के सभी घटक दलों को पत्र लिखकर विस्तार से हुर्रियत कॉन्फ्रेंस छोड़ने केनिर्णय के बारे में बताया। बता दें कि हुर्रियत कांन्फ्रेंस का गिलानी को आजीवन प्रमुख नामित किया गया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सदस्यों की वर्तमान की गतिविधियों की विभिन्न आरोपों को लेकर गठबंधन जांच कर रहा है। गिलानी ने दो पन्ने केपत्र में लिखा कि ‘इन प्रतिनिधियों की गतिविधियां अब वहां (पीओके) सरकार में शामिल होने के लिए विधानसभाओं और मंत्रालयों तक पहुंच बनाने को लेकर सीमित है। कुछ सदस्यों को बर्खास्त कर दिया गया जबकि अन्य ने अपनी खुद की बैठकों का आयोजन शुरू कर दिया। इन गतिविधियों को आपने (घटकों ने) यहां बैठक कर उनके निर्णयों को समर्थन देकर बढ़ावा दिया है।’उन्होंने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने और पूर्व के राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के बाद हुर्रियत सदस्यों की निष्क्रियता की ओर इशारा किया।