जगदीश कलसोतरा, नवांशहर:
The Seat Of Nawanshahr Will Remain Important : बहुत ही अहम सीट है नवांशहर। यदि इसका इतिहास पर जाएं तो पाएंगे कि 1992 से इस सीट पर नौ में से आठ बार कांग्रेसी नेता दिलबाग सिंह के परिवार का ही दबदबा रहा है। यहां सिर्फ एक बार शिरोमणि अकाली दल बादल के जितेंद्र सिंह को जीत मिली थी। सरदार दिलबाग सिंह के बाद उनके बेटे चरणजीत चन्नी उनके पुत्र प्रकाश सिंह उनकी पुत्रवधु गुरिन्द्र कौर बबली और नवांशहर के मौजूदा विधायक अंगद सिंह सैनी इस सीट पर मजबूत हैं।
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नवांशहर की सीट रहेगी अहम, देखें किस करवट बैठेगा ऊंट The Seat Of Nawanshahr Will Remain Important
फरवरी 2022 में होने वाले चुनाव में नवाचार की परिस्थितियां कुछ अलग हैं। अंगद सिंह सैणी जो पंजाब विधानसभा में सबसे युवा विधायक हैं, को घेरने के लिए शिरोमणि अकाली दल और बसपा गठजोड़ ने डॉ. नक्षत्रपाल को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में अकाली दल और बसपा ने अलग चुनाव लड़ा था। दोनों पार्टियां अपने पिछले बोट बैंक को देखते हुए इस सीट पर जीत सुनिश्चित मान रही है। लोगों से बातचीत करने पर पता चला कि हालात शिरोमणि अकाली दल के सोच के मुताबिक नहीं है।
आम आदमी पार्टी के ललित मोहन पाठक जो पहले कांग्रेस के साथ थे, अब अकाली दल से होते हुए आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार बन चुके हैं जो कि कांग्रेस के साथ साथ अकाली दल के वोट बैंक को भी खोरा लगाने की फिराक में है। इसके अलावा अभी एनडीए गठबंधन का उम्मीदवार मैदान में उतरना बाकी है किसान मोर्चा भी नवांशहर से चुनाव लड़ने का फैसला कर चुका है। देखते हैं कि ऊंट नवांशहर में किस करवट बैठता है।
The Seat Of Nawanshahr Will Remain Important
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