Sirsa News,सिरसा: हरियाणा सरकार की प्रोत्साहन नीति की बदौलत आज सूबे के किसान परम्परागत खेती का मोह त्याग कर ऑर्गेनिक और बागवानी खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. इसके साथ ही पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे व्यवसाय शुरू कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रहे हैं. इसी कड़ी में सिरसा जिले के किसान झींगा मछली पालन की खेती की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. झींगा मछली पालन यहां के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है.
10 हजार किसानों को जोड़ने का लक्ष्य
वर्तमान में सिरसा जिले में 400 से ज्यादा किसान झींगा मछली की खेती कर रहे हैं. झींगा मछली पालन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सुविधाएं दी जा रही है और साथ ही, सब्सिडी भी मुहैया कराई जा रही है. सरकार 10 हजार किसानों को झींगा मछली पालन व्यवसाय से जोड़ने का लक्ष्य लेकर चल रही है.
सरकार देती है सब्सिडी
बता दें कि झींगा मछली पालन व्यवसाय के लिए प्रदेश सरकार द्वारा महिला किसानों को 60% और पुरुष किसानों को 40% सब्सिडी दी जा रही है. इसीलिए बहुत से किसान झींगा मछली पालन व्यवसाय में अपनी रूचि दिखा रहे हैं. वहीं, महिलाओं में भी मछली पालन की खेती को लेकर खासी उत्सुकता बनी हुई है. कुछ महिलाएं तो चंद महीनों में लखपति बन चुकी है. किसानों का कहना है कि झींगा मछली पालन व्यवसाय से कुछ ही कमीनो में लाखों रुपए की आमदनी हो जाती है.
चंद महीनों में लाखों रुपए कमाई
झींगा मछली पालन व्यवसाय करने वाली एक जागरूक महिला किसान ने बताया कि उन्होंने शुरुआत में ढाई एकड़ जमीन पर झींगा मछली की खेती शुरू की थी. अच्छा-खासा मुनाफा मिला तो इस बार 5 एकड़ में काम शुरू किया है. उन्होंने कहा कि परंपरागत खेती की बजाए झींगा मछली पालन एक मॉडर्न खेती है और चंद महीनों की खेती से किसान मालामाल हो रहे हैं.
किसानों ने बताया कि प्रति हेक्टेयर में 14 लाख की राशि का यह प्रोजेक्ट है. जिसमे तालाब का निर्माण, स्टोर, खाद- खुराक व इससे सम्बंधित लेबर इत्यादि इसमें शामिल होते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल 300 से 350 एकड़ पर फसल उत्पादन किसानों द्वारा की गई थी जिसमे 7 से 8 टन प्रति हेक्टेयर एवरेज प्रोडक्शन फसल का रहा था. उन्होंने बताया कि बढ़ते मुनाफे को देखते हुए किसान भी उत्साहित हैं और इससे संबंधित सम्पूर्ण जानकारी हासिल कर झींगा मछली पालन व्यवसाय में रूचि दिखा रहे हैं.