सरस और शिल्प मेले में हाथों की कला को देखकर आश्चर्य चकित हुए पर्यटक
International Geeta Mahotsav (आज समाज) कुरुक्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 में 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक लगे सरस और शिल्प मेले में विभिन्न राज्यों से पहुंचे शिल्पकारों की हाथों की अनोखी कारीगरी से ब्रह्मसरोवर का पावन तट सज चुका है। इस महोत्सव के सरस और शिल्प मेले में इन शिल्पकारों की हाथ की कला को देखकर महोत्सव में आने वाला प्रत्येक पर्यटक आश्चर्यचकित हो रहा है।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के मेले में असम से आए शिल्पकार ने बताया कि वे अपने साथ बांस से बनी सुंदर-सुंदर घर की सज्जा सजावट का सामान अपने साथ लेकर आए है। शिल्पकार ने बताया कि वे हर वर्ष इस अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आते है, केडीबी प्रशासन की तरफ से उनको स्टॉल अलॉट किया गया है। यह महोत्सव शिल्पकारों को लुप्त हो चुकी हस्त शिल्पकला को उजागर करने का एक अच्छा मंच देता है।
50 रुपए से लेकर 1000 तक है कीमत
इस महोत्सव में वे अपने साथ बांस से बने घर की सज्जा सजावट का सामान फ्रूट बास्केट, फ्लावर पोर्ट, दीवार सिनरी, कप प्लेट, वॉल हैंगिंग, टेबल लैम्प, बांस से बनी पानी की बोतल इत्यादि सामान लेकर आए है। यह सब सामान वे असम में बांस से बनाते है तथा इस सामान को बनाने के लिए कई लोग काम करते है। वे अपनी इस हस्त शिल्पकला से दूसरे लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करते है। इनकी कीमत 50 रुपए से लेकर 1 हजार रुपए तक है तथा वे अपनी इस कारागिरी को दूसरे कई राज्यों में भी दिखाते है और पर्यटक इनकी जमकर खरीदारी कर रहे है।