आज समाज डिजिटल, शिमला:
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बढ़ी तल्खी का असर बुधवार को सदन के बाहर भी दिखा। विधानसभा परिसर में सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्यों ने राष्ट्रीय ध्वज को अलग-अलग लहराया। बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सदन में जानकारी दी थी कि दोपहर एक बजे सदन के बाहर सभी सदस्य एक साथ राष्ट्र ध्वज लहराएंगे। लेकिन इसके बाद सदन के भीतर हुए हंगामे का असर इस पर भी पड़ा और सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने विधानसभा परिसर में अलग-अलग राष्ट्रीय ध्वज लहराया।
दरअसल, 15 अगस्त को तिरंगा न लहराने को लेकर खालिस्तानी समर्थकों की ओर से धमकी दी जा रही है। इसका जवाब देने के लिए सभी सदस्यों के मिलकर राष्ट्रीय ध्वज लहराने की बात अध्यक्ष ने सदन के भीतर कही। हिमाचल विधानसभा परिसर में बुधवार को विधायकों ने झंडा तो लहराया, लेकिन इसमें भी कांग्रेस और भाजपा विधायकोंं की राहें अलग-अलग हो गर्इं। कांग्रेस विधायकों ने अलग झंडा लहराया और भाजपा विधायकों ने अलग झंडा लहराया। सदन के भीतर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध को राष्ट्रध्वज भी नहीं सुलझा पाया और कांग्रेस ने तय समय से आधा घंटा पहले ही विधानसभा परिसर में तिरंगा लहराया, जबकि भाजपा विधायकों ने अलग झंडा लहराया।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इस मौके पर कहा कि खालिस्तान समर्थकों की तरफ से आ रही धमकियों से वे नहीं डरते हैं और 15 अगस्त को भी इसी तरह से हर कांग्रेस विधायक और प्रदेशभर के लोग अपने-अपने घर पर झंडा फहराएंगे। उन्होंने कहा कि तिरंगे का अपमान किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि तिरंगा भारत की शान है और जो भी इसकी ओर नजर टेढ़ी करेगा, उसे बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश के हर घर में झंडा शान से फहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि खालिस्तान की धमकियों से प्रदेश के लोग और विधायक डरने वाले नहीं हैं।
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