विज्ञान के प्रचार-प्रसार में हिंदी की भूमिका महत्त्वपूर्ण- डॉ. राहुल सिंघल

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The Role of Hindi in the promotion of science is important
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  • विश्वविद्यालय में हिंदी पखवाड़ें के तहत हुआ विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन
  • 29 सितम्बर तक होंगे विभिन्न आयोजन
    नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
    हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में हिंदी पखवाड़े के तहत सोमवार को विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। विज्ञान में हिंदी की संभावनाएं विषय पर आयोजित इस विशेषज्ञ व्याख्यान में शिवाजी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली के सह आचार्य डॉ. राहुल सिंघल विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय कुलपति ने अपने संदेश में कहा कि राजभाषा हिंदी के प्रचार प्रसार की दिशा में विश्वविद्यालय निरंतर प्रयास कर रहा है।

29 सितम्बर तक होंगे विभिन्न आयोजन

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इसके लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यशालाओं एवं विशेषज्ञ व्याख्यानों का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा का विकास करना हमारा कर्त्तव्य है। विश्वविद्यालय के राजभाषा अनुभाग व हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति द्वारा आयोजित इस विशेषज्ञ व्याख्यान की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई। कार्यक्रम की समन्वयक प्रो. सारिका शर्मा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया और बताया कि हिंदी पखवाड़े के तहत विश्वविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में 20 सितंबर को विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांवों के राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों तथा विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों व शोधार्थियों के लिए हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुलपति महोदय के दिशा-निर्देशन में हिंदी के क्रियान्वयन के मोर्चे पर तेज गति से आगे बढ़ रहा है।

भाषा का प्रचार-प्रसार करने का आह्वान

कार्यक्रम में विशेषज्ञ डॉ. राहुल सिंघल ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय पुरातन विज्ञान आरंभ से ही समृद्ध और सम्पन्न रही है। भाषा के स्तर पर हिंदी इसके प्रचार-प्रसार में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर व विश्वगुरु बनाने के लिए आवश्यक है कि विद्यार्थी, शोधार्थी अध्ययन-अध्यापन का कार्य अपनी भाषा हिंदी में करें। चीन, जापान आदि अनेक देशों के उदाहरण हमारे समक्ष मौजूद है जिन्होंने स्वभाषा के बल पर विश्व में अपनी पहचान स्थापित की है। डॉ. सिंघल ने कहा कि नई शिक्षा नीति भी इस दिशा में अग्रसर है और अवश्य ही इसके माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार व भारत के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रयास में युवाओं और शिक्षकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने सभी से अपनी भाषा से प्रेम करने और उसका प्रचार-प्रसार करने का भी आह्वान किया। कार्यक्रम में मंच का संचालन हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सिद्धार्थ शंकर राय ने किया तथा कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार के मार्गदर्शन में हिंदी में कार्यालयीन कार्य करने की दिशा में निरंतर प्रगति कर रहा है। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्रभारी, अधिकारी, शिक्षकगण, शिक्षणेतर कर्मचारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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