Punjab CM News (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी कानून संशोधन बिल पर एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई है। इसी के तहत इसपर बयान देते हुए सीएम भगवंत मान ने गत दिवस कहा कि चुना हुआ मुख्यमंत्री ही यूनिवर्सिटी का चांसलर होना चाहिए। हम चाहते हैं कि चांसलर को चुनने का हक सिलेक्टेड को नहीं इलेक्टेड को होना चाहिए। मान ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी और केरल ने भी इस तरह का बिल पास किया था। उनकी दलील थी यूनिवर्सिटी का चांसलर चुना हुआ मुख्यमंत्री को होना चाहिए।
राष्टÑपति ने उन्हें बिल वापस कर दिया। उन्होंने कहा अगर हमें पंजाबी यूनिवर्सिटी का वीसी बनाना है, तो तीन नाम गवर्नर को देंगे । वह उनमें से एक नाम को चुनेंगे। यह बिल पिछले साल 21 जून को पंजाब विधानसजा में पास किया गया था। बिल के तहत राज्य के 11 विश्वविद्यालय के कुलपति की शक्ति राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री को दी गई थी। राज्यपाल ने बिल को मंजूरी नहीं दी थी। जिसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई।
इसके बाद गवर्नर ने बिल राष्टपति को भेज दिया था। हालांकि अब राष्टÑपति ने इसे बिना मंजूर किए ही वापिस भेज दिया है। पंजाब सरकार ने 2023 में विधानसजा का स्पेशल सेशन बुलाया था। राजभवन की तरफ से राज्य सरकार को लेटर भेजा गया था। जिसमें बुलाए गए सत्र को गैरकानूनी बताया था। साथ ही इसके अधीन पास किए जाने वाले कामकाज को शून्य की श्रेणी में रखने की जानकारी दी गई। राज्यपाल के पत्र के बाद भी सरकार ने सेशन बुलाया।