नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच मेंपूर्वी लद्दाख में गतिरोध और तनाव जारी है। यह तनाव गलवान घाटी में हुई भारतीय-चीनी सैनिकों केबीच हिसंक झड़प के बाद ज्यादा बढ़ गया। अब इस संदर्भ मेंकेंद्रीय मंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच यह झड़प चीनी सैनिकों के टेंट में आग लगने के कारण हुई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने अपने एक चैनल के साथ बातचीत मेंकहा, ‘दोनों देशों के बीच चल रही सैन्य स्तर की बातचीत मेंयह निर्णय हुआ था कि सीमा के पास दोनों देशों केसैनिक वापस जाएंगे। उस स्थान पर किसी देश का भी सैनिक नहीं रहेगा। 15 जून को भारतीय सेना के कमांडिंग अफसर अन्य सैनिकों के साथ शाम को यह देखने गए कि चीनी सैनिकों ने वापसी की या नहीं। वहां जाने पर उन्हें पता चला कि चीनी सैनिकों ने बातचीत केअनुसार वहां से वापसी नहीं की है। वहां जब तंबू देखा गया तो दोनों देशों के बीच झड़प हो गई। चीनी सैनिक तंबू हटाने लगे तो उसमें आग लग गई। उन्होंने कहा कि यह पता नहीं चल सका कि उस तंबूमें क्या रखा हुआ था और दोनों देशों के सैनिकों के बीच इस मसले को लेकर हिंसक टकराव हो गया।’ बता दें कि गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक टकराव हो गया था। सैनिकों ने एक दूसरे पर डंडे-पत्थरों से हमला कर दिया था। इस घटना में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन के कमांडिंग अफसर समेत कई सैनिक मारे गए थे। रिपोर्ट्स में बताया गया था कि चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं। हालांकि, चीन ने अभी तक मारे गए सैनिकों की संख्या की जानकारी नहीं दी है। इस हिंसक टकराव के बाद दोनों देशों के बीच एलएसी पर तनाव बढ़ गया था। भारत ने नियंत्रण रेखा पर माउंटेन कार्प के एकीकृत बैटल ग्रुप (आईबीजी) की तैनाती की है। इस ग्रुप में शामिल जवान ऊंचे पहाड़ी इलाकों में युद्ध करने में पारंगत हैं। ये समूह खासतौर पर ऊंचे पर्वतीय इलाकों में युद्ध के लिए प्रशिक्षित किए जाते हैं। यह ग्रुप खास तौर पर चीन से निपटने के लिए तैयार किया गया है।