नई दिल्ली। ‘आरक्षण पर सौहार्दपूर्ण माहौल में चर्चा’ में चर्चा होनी चाहिए, संघ प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान पर बवाल मचा हुआ है। पूरा विपक्ष इस बयान के बाबत आरएसएस और भाजपा को घेरने की कोशिश कर रहा है। हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी के बाद में उस पर संघ की सफाई दी गई थी। संघ ने कहा कि मोहन भागवत के बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया। इन सब पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भाजपा और संघ को निशाने पर लिया। उन्होंने मंगलवार को आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार में जनपक्षधर कानूनों का गला घोंटा जा रहा है तथा सामाजिक न्याय आरएसएस-भाजपा के निशाने पर है।
प्रियंका ने ट्वीट कर दावा किया, ‘आरएसएस का हौसला बढ़ा हुआ है और मंसूबे खतरनाक हैं। जिस समय भाजपा सरकार एक-एक करके जनपक्षधर कानूनों का गला घोंट रही है, आरएसएस ने भी लगे हाथ आरक्षण पर बहस करने की बात उठा दी है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘बहस तो शब्दों का बहाना है मगर आरएसएस-भाजपा का असली निशाना सामाजिक न्याय है। लेकिन क्या आप ऐसा होने देंगे?’ गौरतलब है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कथित तौर पर कहा था कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं उन लोगों के बीच इस पर सौहार्द्रपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए।
कांग्रेस के हमले और विवाद खड़ा होने के बाद आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत के दिल्ली में एक कार्यक्रम में दिए गए भाषण के एक भाग पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है।
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