जगदीश, नवांशहर:
- भाषण प्रतियोगिता में तमना ने प्रथम स्थान प्राप्त किया – प्रिं. डा. विधि भल्ला
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पंजाब सरकार और डॉ. हरबंस कौर माननीय डिप्टी मैडिकल कमिश्न कम सदस्य सचिव के आदेशों के अनुसार डी.ए.वी कॉलेज ऑफ एजुकेशन होशियारपुर में दी पंजाब राज्य नो तंबाकू दिवस मनाया गया तथा जागरूकता सेमिनार का आयोजन डा. दविंदरपाल सिंह मेडिकल ऑफिसर जिला नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र ओ.ओ.ए.टी क्लिनिक मोहल्ला फतेहगढ़ होशियारपुर, प्रिंसिपल डॉ विधि भल्ला, मिस संदीप कुमारी मनोवैज्ञानिक-काउंसलर और प्रशांत आदिया, हेल्थ सर्विस क्लब और नशा मुक्ति भारत ग्रुप के कोऑर्डीनेटर प्रोफेसर नवनीता सूद की उपस्थिति में करवाया गया। इस अवसर पर संदीप कुमारी मनोवैज्ञानिक-काउंसलर ने कहा कि नशा करना एक मानसिक बीमारी है।
10-15 दिनों के लिए नशा मुक्ति केन्द्र में रखा जाता है
इस अवसर पर उन्होंने नशे के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा कहा कि डब्लयू.एच.ओ. के अनुसार तंबाकू को ’गेटवे ऑफ अदर ड्रग’ कहा जाता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पंजाब द्वारा नशे का इलाज निशुल्क किया जाता है। पहले मरीज को 10-15 दिनों के लिए नशा मुक्ति केन्द्र होशियारपुर तथा दसूहा में रखा जाता है, जहां मरीज का डीटाक्सीफिकेशन करने के पश्चात मरीज को 90 दिनों के लिए सरकारी पुनर्वास केंद्र, मोहल्ला फतेहगढ़, होशियारपुर में दाखिल करवाया जाता है, जहां मरीजों की सामूहिक काउंसलिंग, व्यक्तिगत काउंसलिंग, परिवारिक काउंसलिंग, आध्यात्मिक काउंसलिंग, योग, व्यायाम, जिम और अन्य गतिविधियां करवाई जाती हैं।
अफीम के नशों का इलाज
इसके अलावा, पंजाब सरकार द्वारा ओ.ओ.ए.टी क्लीनिक खोले गये हैं जहां अफीम से बनने बाले नशों का इलाज जीभ के नीचे रखने बाली गोली ब्यूप्रोनोर्फिन और नीलाक्सन के साथ किया जाता है। ये केंद्र जिला स्तर, उप-मंडल स्तर और समूह सी.एच.सी स्तर पर खोले गए हैं जहां पर मरीजों का निशुल्क इलाज मरीज तथा उसके परिवार की लिखित सहमती से किया जाता है। इस मौके पर बी.एड. छात्रों के भाषण मुकाबले भी करवाये गये जिसमें तमन्ना ने पहला स्थान, साक्षी ने दूसरा स्थान तथा अश्मिता ने तीसरा स्थान हासिल किया तथा सभी प्रतिभागियों को प्रशंसा पुरस्कार भी दिये गये। इस अवसर पर प्रिंसीपल डॉ. विधि भल्ला ने कहा कि नशा समाज के लिए दीमक की तरह काम करता है, ऐसे प्रयास और जागरूकता कार्यक्रम समय-समय पर करवाने से समाज में जागरूकता फैलाकर नौजवान पीड़ी को नशे से मुक्त करने के प्रयास किये जा सकते है।
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