सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों (डीपीएसयू) और आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) ने कोविड-19 महामारी के विरूद्ध लड़ाई में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए अहम भूमिका निभाई है। रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) के इन महत्वपूर्ण संस्थानों ने राष्ट्र से इस घातक वायरस को समाप्त करने में सहायता हेतु अपने सभी संसाधनों, तकनीकी ज्ञान और जनशक्ति को सही दिशा दी है। डीपीएसयू और ओएफबी के वैज्ञानिकों और कर्मियों द्वारा किए गए प्रयासों के कुछ परिणाम निम्नलिखित हैं:
सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा इकाई, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) बेंगलुरु ने गहन चिकित्सा इकाई में तीन बिस्तरों और वार्डों में 30 बिस्तरों की सुविधा के साथ एक पृथक वार्ड की स्थापना की है। इसके अलावा, 30 कमरों वाले एक भवन को भी तैयार किया गया है। कुल मिलाकर, 93 व्यक्तियों को एचएएल के इस सुविधा केन्द्र में समायोजित किया जा सकता है। एचएएल ने 25 पीपीई का निर्माण करते हुए इन्हें बैंगलोर में कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए अधिकृत विभिन्न अस्पतालों में चिकित्सकों को वितरित किया है। एचएएल ने 160 एयरोसोल बॉक्स भी बनाए हैं जिन्हें बेंगलुरु, मैसूर, मुंबई, पुणे, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में वितरित किया गया है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देश पर भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (बीईएल) ने देशभर में आईसीयू के लिए दो महीने के भीतर 30,000 वेंटिलेटर बनाने और इनकी आपूर्ति करने का बीड़ा उठाया है। इन वेंटिलेटरों का डिज़ाइन मूल रूप से डीआरडीओ द्वारा तैयार किया गया था, जिसमें बीईएल के सहयोग के साथ मैसूर के मैसर्स स्कानेरे द्वारा आवश्यक सुधार किया गया है। बीईएल के द्वारा 20 से 24 अप्रैल, 2020 के बीच वेंटिलेटर का निर्माण शुरू करने की संभावना है। अस्थायी कार्यक्रम के अनुसार, बीईएल से अप्रैल में 5,000 इकाईयों, मई में 10,000 और जून 2020 में 15,000 इकाईयों के निर्माण होने की उम्मीद है। इस कार्य को डीआरडीओ की मदद से स्वदेशी सामाग्री से ही बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है।