आज समाज डिजिटल,शिमला:
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में फिर से पेयजल संकट गहरा गया है। हालात यह हैं कि शहर में लोगों को 4 से 5 दिन बाद पानी मिल रहा है। जिला कांग्रेस कमेटी शिमला शहरी ने पानी की समस्या के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। जिला कांग्रेस कमेटी शिमला शहरी के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने पानी की समस्या को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जुमलों की सरकार ने शिमला शहर की जनता के साथ विश्वासघात किया है।
उन्होंने कहा कि जनता को 24 घंटे पानी देने का वादा भी जुमला साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज अपने हर भाषण में शहर में पेयजल समस्या दूर होने की बात करते हैं। लोगों को जल्द 24 घंटे पानी मिलने वाला वादा कर नहीं थकते, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। उन्होंने कहा कि यह सब जुमला ही साबित हुआ है, जिसे शहर की जनता समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि आज हालत यह है कि शहरी में 4 से 5 दिन बाद पीने का पानी मिल रहा है।
हज़ारों, लाखों रुपए पानी का बिल दे रहे शहर के लोग
चौधरी ने कहा कि शहर के लोग हज़ारों और लाखों रुपए पानी का बिल दे रहे हैं। बावजूद इसके उन्हें पानी नहीं मिल रहा। शिकायत करने पर उसका संतोषजनक जवाब नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि जब से पानी आवंटन का काम कम्पनी को दिया है, लोग परेशान हैं। पेयजल कंपनी ने छोटा शिमला, चौड़ा मैदान के बाद अब न्यू शिमला, संजौली और सेंट्रल जोन में भी पानी की राशनिंग शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा कि इन जोन के सभी इलाकों में तीसरे दिन पानी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इन दिनों पर्यटन सीजन चरम पर है। होटलों में भी पानी की सप्लाई नहीं हो रही। शिमला शहर में पानी को लेकर बने हालात से पर्यटन सीजन पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी भाजपा शासन काल में भी पानी को लेकर हाहाकार मच चुका है। दोबारा वही स्थिति आ गई है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि व्यवस्था में सुधार ना हुआ तो कांग्रेस शहर में धरना प्रदर्शन करेगी।
ये भी पढ़ें : जीवन का प्रत्येक कार्य ही योगमय होना चाहिए:प्रो. कामाख्या कुमार
ये भी पढ़ें : डीएवी पीजी कॉलेज में भगत सिंह के विचारों पर व्याख्यान का आयोजन
ये भी पढ़ें : तीन दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम अंबाला में शुरू