हीमोग्लोबिन की समस्‍या से है परेशान, अपनाएं ये उपाय

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हीमोग्लोबिन हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। हीमोग्लोबिन हमारी रक्त कोशिकाओं में मौजूद लौह युक्त प्रोटीन है। ये प्रोटीन हमारे शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को संतुलित करता है। इसका मुख्य काम हमारे फेफड़ों से ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंचाना है ताकि हमारी जीवित कोशिकाएं सही से काम कर सकें। हीमोग्लोबिन हमारी कोशिकाओं से कार्बन डाइऑक्साइड को वापस फेफड़ों तक लाने का भी काम करता है। क्योंकि हीमोग्लोबिन एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए इतना महवपूर्ण है, तो ये ज़रूरी है कि आपके खून में इसकी मात्रा सही रहे। इसकी सही मात्रा कुछ इस प्रकार है।

पुरुषों में हीमोग्लोबिन की सही मात्रा 14 से 17 ग्राम/100 मिली. रक्त होती है, वहीं स्त्रियों में ये मात्रा 13 से 15 ग्राम/100 मिली. रक्त होती है। शिशुओं के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा लगभग 14 से 20 ग्राम/100 मिली. रक्त होनी चाहिए।

हीमोग्लोबिन की कमी का शरीर पर प्रभाव

जब हीमोग्लोबिन की मात्रा घट जाती है तो आपका शरीर कई बीमारियों की चपेट में आ सकता है। आप थकान, कमजोरी, सांस का फूलना, चक्कर आना, सिर दर्द, पीली त्वचा, भंगुर नाखून, तेजी से दिल की धड़कन और भूख न लगने के शिकार हो सकते हैं।

अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बहुत ज़्यादा घट जाती है तो आप एनीमिया से भी पीड़ित हो सकते हैं और इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं। महिलाओं में गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान हीमोग्लोबिन की मात्रा काम होना एक आम बात है। लेकिन इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। सबसे आम कारण है लौह पोषक तत्वों की कमी यानी की आयरन डेफिशियेंसी, फोलिक एसिड, विटामिन सी और बी12 की कमी। हीमोग्लोबिन का स्तर गिरने के और कारण भी हो सकते हैं जैसे कि सर्जरी के कारण अत्यधिक खून का बहना, लगातार रक्त दान, बोन मेरो की बीमारियां, कैंसर, गुर्दों की समस्याएं, गठिया, मधुमेह, पेट के अल्सर और पाचन तंत्र की अन्य बीमारियां।

ज्यादातर मामलों में, कम हीमोग्लोबिन कम लाल रक्त कोशिकाओं की वजह से भी हो सकता है। हीमोग्लोबिन में गिरावट का कारण जानकर और डॉक्टर से परामर्श करने के बाद, आप इन घरेलू नुस्खों को आज़मा सकते हैं। हीमोग्लोबिन बढ़ने का समय आपके हीमोग्लोबिन में गिरावट के कारण और कितनी बार आपके डॉक्टर चेक करते हैं उस पर निर्भर करता है।

यहां हम आपको एक बहुत ही साधारण सी बात बता देना चाहते हैं कि दिन में एक सेब अवश्य खाकर आप आपके शरीर में हीमोग्लोबिन स्तर को सामान्य बनाए रख सकते हैं। इसके अलावा इन बातों का ध्यान रख कर भी आप अपने शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने से रोक सकते हैं।

हीमोग्लोबिन की कमी को ऐसे पूरा करें

लीची
स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर लीची, रक्त कोशिकाओं के निर्माण और पाचन-प्रक्रिया में सहायक होती है। लीची में बीटा कैरोटीन, राइबोफ्लेबिन, नियासिन और फोलेट जैसे विटामिन बी उचित मात्रा में पाया जाता है। इसमें मौजूद विटामिन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है।

चुकंदर
शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए चुकंदर सबसे अच्छा खाद्य प्रदार्थ है। चुकंदर पोषक तत्वों की खान है। इसमें आयरन, फोलिक एसिड, फाइबर, और पोटेशियम ये सभी सही मात्रा में पाया जाता है। ये शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि करता है।

अनार
इनके अलावा अनार हीमोग्लोबिन बढ़ाने में बहुत लाभकारी होता है। अनार में आयरन और कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर जैसे तत्व होता हैं, जिनसे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने में मदद मिलती है।

गुड़
गुड़ का सेवन करना भी एक बेहद उत्तम तरीका है। गुड़ में आयरन फोलेट और कई विटामिन बी शामिल हैं जो हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने के लिए और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मददगार होते हैं।

व्यायाम
शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को रोकने के लिए नियमित व्यायाम करना चाहिए। जब आप व्यायाम करते हैं तब आपका शरीर खुद-ब-खुद हीमोग्लोबिन पैदा करता है।

कॉफ़ी, चाय, कोला, वाइन, बियर, से बचे
हम आपको बता देना चाहते हैं कि कॉफ़ी, चाय, कोला, वाइन, बियर, ओवर-द-काउंटर एंटाएसिड, कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ और डेयरी उत्पाद या कैल्शियम सप्लीमेंट्स वाली चीजें शरीर में आयरन सोखने की क्षमता को कम देते हैं। इसीलिए अगर आपका हीमोग्लोबिन स्तर कम हो गया है तो है तो आपको इन खाद्य प्रदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।

विटामिन सी की कमी हो जाने के कारण भी हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है। जब शरीर में विटामिन सी की कमी होती है तो इस कारण आपका शरीर सही मात्रा में आयरन को सोख नहीं पाता। इसीलिए विटामिन सी से भरपूर खाद्य प्रदार्थों के सेवन से आप हीमोग्लोबिन का स्तर सही कर सकते हैं।