ईशिका ठाकुर,करनाल:
करनाल के नागरिक हॉस्पिटल में धूल फांक रही ऑडियोमेट्रिक मशीन, नहीं है चलाने के लिए स्टाफ।
सीएम सिटी करनाल के नागरिक अस्पताल में पिछले सात वर्षों से ऑडियोमेट्रिक मशीन हॉस्पिटल के एक कमरे में पड़ी हुई धूल फांक रही है। ऑडियोमेट्रिक मशीन को अस्पताल में आने के बाद केवल एक बार खोलकर देखा गया था। उसके बाद मशीन के चारों हिस्सों को फिर से अटैचियों में बंद करके नागरिक अस्पताल के ऑडियोमेट्री कक्ष में रख दिया गया। और मरीज परेशान हो रहे हैं जिनको जिनको समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिल रहा। यह ऑडियो मेट्रिक मशीन स्टाफ के अभाव में एक कोने में रख दी गई है ।
ऑडियोमेट्रिक मशीन का एक्सपर्ट की पोस्ट अभी तक खाली
यह मशीन किसी भी इंसान के कान के सुनने की क्षमता को जाँचता है। लेकिन मशीन का एक्सपर्ट हॉस्पिटल में ना होने के चलते जांच का इंतजार करते-करते मरीजों की बीमारी बढ़ रही है। इस मशीन से कान से सुनने और बोलने की क्षमता जांची जाती है।
अब तक किसी ने इस मशीन को नहीं खोला क्योंकि इसका एक्सपर्ट की पोस्ट खाली पड़ी हुई है । यह इसलिए भी हुआ, क्योंकि वर्ष 2015 में ऑडियोग्राफी मशीन आने के बाद से अब तक नागरिक अस्पताल में ऑडियोलॉजिस्ट की पोस्ट रिक्त है। जिला नागरिक अस्पताल में ऑडियोलॉजिस्ट न होने के कारण गंभीर मामलों में ईएनटी विशेषज्ञ मरीजों की जांच के लिए उन्हें कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज रेफर कर रहे हैं। लेकिन वहां भी मरीजों को कोई राहत नहीं मिल रही। वहां पहले से ही मरीजों की संख्या अधिक है। उसके बाद नागरिक अस्पताल के रेफर मरीजों का बोझ भी बढ़ता जा रहा है।
डॉ पीयूष शर्मा पीएमओ नागरिक हॉस्पिटल ने बताया कि करनाल के नागरिक हॉस्पिटल में कई वर्षों से ऑडियोलॉजिस्ट नहीं हैं। ऑडियोलॉजिस्ट संबंधित मरीज को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में रखकर किया जा रहा है। वहां भी ऑडियोलॉजिस्ट की कमी है ऐसे में स्पीच थैरेपिस्ट ही ऑडियोलॉजिस्ट का अतिरिक्त कार्य देख रहे हैं। जिससे भी मरीजों को देखने में अधिक समय लग रहा है।
सैलरी कम होने के चलते यहां पर कोई भी ऑडियोलॉजिस्ट नहीं आना चाह रहा: डॉक्टर पीयूष
ऑडियोलॉजिस्ट की पोस्ट के लिए निकाली भर्ती कुछ दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से नागरिक अस्पताल के लिए एक ऑडियोलॉजिस्ट की भर्ती निकाली है।देखना होगा कि कब तक अस्पताल को ऑडियोलॉजिस्ट मिल पाता है, क्योंकि इससे पहले 2017 में भी ऑडियोलॉजिस्ट की भर्ती निकाली थी और उसमें एक ऑडियोलॉजिस्ट का चयन भी कर लिया था, लेकिन उसने अस्पताल में ज्वॉइन नहीं किया। डॉक्टर पीयूष का कहना है कि सैलरी कम होने के चलते यहां पर कोई भी ऑडियोलॉजिस्ट नहीं आना चाह रहा। प्रदेश के कई हॉस्पिटलों में ऑडियो लॉजिस्ट की पोस्ट है खाली पड़ी है। अगर अस्पताल को इस भर्ती में ऑडियोलॉजिस्ट मिल जाता है तो मरीजों को सुविधा मिल सकेगी।
नागरिक अस्पताल की ओर से कई बार ऑडियोलॉजिस्ट की भर्ती निकाली जा चुकी है, लेकिन अभी तक किसी ने ज्वॉइन नहीं किया। हेड ऑफिस तक पत्र लिखे जा चुके हैं। अबकी बार फिर से ऑडियोलॉजिस्ट की भर्ती निकाली है। प्रयास रहेगा कि जल्द रिक्त स्थान भर जाए और लोगों को अस्पताल में बेहतर सुविधा मिल सके। वहीं डॉ पीयूष शर्मा ने कहा कि इसरो के जितने भी मरीज आते हैं उनको करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज या शहर के दूसरे प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर कर दिया जाता है प्राइवेट हॉस्पिटल में भी सरकारी रेट में फ्री में इलाज किया जा रहा है।
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