इशिका ठाकुर,करनाल:
करनाल रोडवेज के बेड़े में नई बसें शामिल करने की योजना कागजों तक ही सिमट कर रह गई है। 2022 खत्म हो चुका है और नये वर्ष के 23 दिन बाद भी नई बसें अभी तक नहीं पहुंची। वहीं समय पूरा करने के बाद कंडम होने वाली बसों के आंकड़े में इजाफा होता जा रहा है।
करनाल रोडवेज के बेड़े से छह बसें और कंडम होने के कारण ऑफ रोड हो गई हैं। इन बसों के हटने से दिल्ली समेत 17 ग्रामीण मार्गों पर परिवहन सेवा प्रभावित हुई है। यानी बसें कम होने से इन मार्गों पर फेरे घटेंगे। ऐसे में प्रति बस यात्रियों का लोड भी बढ़ेगा।
रोडवेज की ओर से करनाल डिपो को नवंबर माह से अब तक चैसिज और बॉडी समेत जनवरी माह तक कुल 65 बसें दी जानी थी इनमें से केवल पांच बसें ही रोडवेज के बेड़े में शामिल हो पाई हैं। जबकि 60 बसों चेसिज व बॉडी तैयार होने के कारण नहीं पहुंची। ऐसे में बसों की कमी के कारण परिवहन सुविधाएं बढ़ने की बजाय घटती जा रही हैं। अब तक 90 बसों वाले बेड़े में अब 84 बसें ही विभिन्न मार्गों पर चलेंगी। क्योंकि 6 बसे कंडम हो चुकी है।
नियम के अनुसार एनसीआर क्षेत्र में 10 साल पुरानी हो चुकी बस का संचालन नहीं हो सकता है। ऐसे में 10 साल की आयु पूरी करने वाली बसों को दिल्ली और अन्य एनसीआर क्षेत्र से बाहर यानी ऑफ रोड कर दिया जाता है। व्यवस्था बनाने के लिए रोडवेज की ओर से लंबी दूरी की बसों को दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग पर चलाना मजबूरी होगी। अभी भी कई बसों को ऐसे ही चलाया जा रहा है। करनाल डिपो की क्षमता और जिले की साढ़े 16 लाख आबादी के हिसाब से 350 बसों की जरूरत है। 2015 के मानक के अनुसार, डिपो में 250 बसें तो जरूरी होनी चाहिए पर अब 84 बसों के सहारे ही डिपो चलेगा।
पंजाब के होशियारपुर, हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला, बैजनाथ, जम्मू व जयपुर के अतिरिक्त करनाल से कांगड़ा, ज्वाला जी, चामुंडा देवी और नैना देवी के लिए सीधी बस सेवा काफी समय से बंद है। हिमाचल प्रदेश के भरठी और धर्मशाला मार्ग पर चलने वाली बस ही कई देवियों के स्थानों की यात्रा कराती है। बसों की कमी के कारण इस मार्ग की बस सेवा अगस्त 2022 में बंद कर दिया गया था। ये बसें कांगड़ा जिला और शाहतलाई भी जाती थी। कांगड़ा जिला में देवी मां के कई स्थान हैं।
अभी तक पांच नई बसें ही मिली हैं। छह बसें और कंडम हो गई हैं। कुछ मार्गों पर बस सेवा प्रभावित हुई है। दिल्ली चंडीगढ़ मार्ग पर ही कई बसों का फेरा बढ़ाया है। अब 84 बसें ही बेड़े में रह गई हैं। उम्मीद है 10 नई बसें इसी माह मिलेंगी। वहीं अगर आंकड़ों की बात करें 2018 में करनाल रोडवेज के बेड़े में 175 बस थी 2018 के बाद एक भी बस बेड़े में शामिल नहीं की गई। और बसों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। वही करनाल रोडवेज डिपो के जीएम ने कहा कि मार्च के महीने तक हमारे 100 के करीब नई बस आ जाएगी जिससे व्यवस्था बेहतर हो सकेगी।
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