जींद । 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के दो दिन बाद उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर पर एक्शन मोड दिखाते हुए अन्नदाता को आंदोलन डंडे के बल पर तोड़ने के लिए मजबूर किया। रात के अंधेरे में आधी रात को झूठी अफवाह फैलाई कि आंदोलन खत्म हो गया है। प्रशासन ने धरना स्थल की लाइट व पानी बंद कर दिया। गांव खरक भूरा की 36 बिरादरी ने बड़ी चौपाल में इकट्ठे होकर जबरदस्ती अन्नदाता का आंदोलन खत्म करने के विरोध में एकजुटता दिखाते हुए। आज सुबह पूरे गांव के ज्यादा से ज्यादा महिला पुरुष नौजवानों ने गाजीपुर बॉर्डर के लिए प्रस्थान करने का सामूहिक फैसला लिया। ग्रामीण प्रेम, बजे सिंह फौजी, रणधीर, अमृतलाल, पृथ्वी नंबरदार, रमेश, संदीप, मिता पहलवान, कपिल पहलवान रामनिवास ने जारी बयान में बताया कि किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए दिल्ली रवानगी करेंगे। ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों को गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचना है। ग्रामीण गांव से ट्रैक्टर ट्राली लेकर उसमें अपना राशन डालकर दिल्ली के लिए कुछ कर चुके हैं ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से फैसला लिया कि आंदोलन में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं करेंगे अगर पुलिस प्रशासन उन पर किसी भी तरह का अत्याचार करते हैं । वह हाथ जोड़कर सहेंगे स्वर्गीय बाबा महेंद्र सिंह टिकैत की ओके की आवाज से दिल्ली हिल की थी आज सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण किसान अंधेरी रात में झूठे मुकदमे दर्ज कर गिरफ्तार किया जा रहा है । इसकी जिम्मेदारी सरकार की नहीं हम खुद हैं। हमने अपने नेताओं को मजबूत ने किया किसान नेताओं को मजबूत करने के लिए पूरे प्रदेश से लाखों की संख्या में लोग आंदोलन स्थल पर पहुंचेंगे। पालवा, सपा खेड़ी, तारखा, खेड़ी मसानिया, मंगलपुर,उचाना कला दुखाना खेड़ा पाटन पुर आदि छात्र के सभी गांव में स्वर्गीय बाबा महेंद्र सिंह टिकैत वह दीनबंधु सर छोटू राम के सिद्धांतों व अधिकारों को हासिल करने के लिए दिल्ली की तरफ प्रस्थान किया। भोले-भाले किसान को डंडे के बल पर जितना सरकार दबाएं गी। आंदोलन उतना ही ज्यादा बड़ा होगा। लोकतंत्र में अपने अधिकारों को शांतिप्रिय ढंग से मनवा ना लोकतांत्रिक अधिकार है । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हठधर्मिता से आंदोलन को दबाया नहीं जा सकता। सरकार को समय रहते किसान नेताओं से बातचीत कर किसान आंदोलन का हल निकालना चाहिए।