शनिवार का दिन कई कारणों से इतिहास के पन्नों में सकारात्मक और सौहार्द के रूप में दर्ज हो गया। सुबह सकारात्मक दिशा में पहली खबर सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या मामले पर आये फैसले से आई। फैसले कई बड़े मामलों में होते रहे हैं पर अयोध्या में राममंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद देश और मानवता के लिए कलंक के तौर पर देखा जाता है। इस विवाद ने हजारों लोगों की जान ली है और लाखों लोगों के जीवन को नरक बना दिया था। जब भारत के प्रधान न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने अपने साथी चार न्यायमूर्तियों के साथ फैसला सुनाया तो राम के प्रति आस्था रखने वालों और अमन पसंद लोगों ने राहत की सांस ली। यह फैसला इतने सलीके से किया गया कि किसी को झटका नहीं लगा, सिवाय इसके नाम पर सियासत करने वालों के। जब लखनऊ हाईकोर्ट में इस मसले की सुनवाई चल रही थी, तब हमने दो साल तक इसे नियमित कवर किया था। भूमि के मालिकाना हक को लेकर चले इस विवाद में इतनी पेचीदगियां थीं कि मन घबराता था मगर इस फैसले ने चेहरे पर खुशियां ला दीं।
1 सकारात्मक और सौहार्द की खबर पंजाब के पाकिस्तान सीमा से आई। पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने वादे के मुताबिक गुरु नानक देव के घर आने वाले पहले जत्थे से कोई फीस नहीं ली। उन्होंने अपने क्रिकेटर मित्र कांग्रेसी विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के साथ श्रद्धालुओं का स्वागत किया। उन्होंने माना कि यह सौगात उन्होंने अपने मित्र सिद्धू की सलाह पर सिख संगत को दी। सिद्धू ने भी खुले दिल से इमरान के प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि बगैर किसी नफे नुकसान की सोचे इमरान ने यह अमन का पैगाम दिया है। इधर, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी सिख श्रद्धालुओं को दी जा रही सौगातों के बारे में बताया। मोदी ने भी खुले दिल से इमरान खान की सराहना की। बुजुर्ग अर्थशास्त्री एवं पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस सुखद यात्रा की अगुआई करके सिख संगत सहित दोनों देशों को मोहब्बत का पैगाम दिया है। इन दोनों फैसलों की राह सुखद और रचनात्मक है, जिसे हमें आगे कायम रखना चाहिए।
जय हिंद!
- अजय शुक्ल
प्रधान संपादक, आईटीवी नेटवर्क