नई दिल्ली। विशेष सुरक्षा समूह कानून में संशोधन की विपक्ष कड़ी आलोचना कर रहा है। इस कानून में संशोधन को विपक्ष की ओर से राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है। विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा में सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया था कि इस काननू में संशोधन केवल एक परिवार को एसपीजी सुरक्षा से वंचित करने के किया जा रहा है। जबकि सत्ता पक्ष का कहना था कि इस संशोधन से वीआईपी संस्कृति को खत्म करने में मदद मिलेगी और एसपीजी बल को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। बुधवार को संसद में इस चर्चा में हिस्सा लेते हुए पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र और भाजपा सांसद नीरज शेखर ने इस बिल का समर्थन करते हुए कहा कि यह इस विधेयक का उद्देश्य वीआईपी संस्कृति को समाप्त करना है। आगे उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी वीआईपी कल्चर की पक्षधर नहीं है इसी कारण से लाल बत्ती का चलन भी समाप्त किया गया है।
आने वाले समय में एसपीजी सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री तक ही सीमित रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश हित में कई ऐसे कदम उठाए हैं जिससे उनकी सुरक्षा को खतरा बढ़ा है। एसपीजी सुरक्षा का उन पर केंद्रित होना प्रासंगिक है। इसके बाद उन्होंने जिक्र किया कि वह स्वयं 1990 से 2001 तक एसपीजी सुरक्षा में रह चुके हैं। उस दौरान मेरी उम्र केवल 22 साल थी। मेरे परिवार को एसपीजी सुरक्षा मिली थी। जिस तरह हमारे आगे पीछे गाड़ियों का काफिला चलता था, उसे देख कर मैं खुद को बहुत ही रसूखदार व्यक्ति समझता था जबकि सचाई यह है कि उन दिनों मुझे कोई जानता नहीं था। जिसे एसपीजी सुरक्षा मिलती है, उसे लगता है कि वह ही प्रधानमंत्री है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह आपकी वजह से हुआ। वरना तब मुझे जानता ही कौन था? इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि खास लगना सबको अच्छा लगता है। लेकिन आज का नौजवान वीआईवी कल्चर को पसंद नहीं करता है। भाजपा इस संस्कृति को समाप्त करना चाहती है।