तीनों प्रमुख राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने की कोशिश में जुटे
Delhi Assembly Election (आज समाज), नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही सभी राजनीतिक दल वोटरों को अपने पक्ष में करने में जुट गए हैं। हर पार्टी यह चाहती है कि उसको जरूरी बहुमत मिले। इसी के चलते राजनीतिक रणनीति बनाई जा रही है। कोई पार्टी आॅटो चालकों को साध रही है तो कोई रेहड़ी फड़ी वालों के लिए घोषणाओं का अंबार लगा रही है।
इसी बीच आप और भाजपा जिस वर्ग पर सबसे ज्यादा फोकस कर रही है वो है दिल्ली की झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले वोटर। दिल्ली में इन दिनों के झुग्गी बस्तियों पर राजनीति तेज हो गई है। भाजपा इसमें सेंध लगाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए पिछले कई माह से पार्टी काम कर रही है।
पीएम और गृह मंत्री कर चुके चुनावी सभा
दिल्ली में झुग्गी झोपड़ी वालों की संख्या कितनी प्रभावी है इस बात का अंदाजा इससे लगता है कि अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह झुग्गीवासियों को संबोधित कर चुके हैं। भाजपा की झुग्गी बस्तियों में बढ़ रही सक्रियता से आप को चुनाव में नुकसान होने का डर है। इस कारण आप संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित अन्य नेताओं ने भाजपा पर जुबानी हमले तेज कर दिए हैं।
तीन लाख से ज्यादा परिवार रहते हैं
राजधानी में तीन लाख से अधिक परिवार लगभग 675 झुग्गी बस्तियों में रहते हैं। यहां शुद्ध पेयजल, शौचालय, सीवर लाइन, सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वालों पर सभी पार्टियों की नजर है, क्योंकि नई दिल्ली सहित 32 विधानसभा क्षेत्रों में ये चुनाव परिणाम को प्रभावित करते हैं। प्रत्येक चुनाव में इनका समर्थन प्राप्त करने के लिए राजनीतिक दल बड़े-बड़े वादे करते हैं, परंतु इनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए।
कभी इन झुग्गी बस्तियों में कांग्रेस की मजबूत पकड़ थी। वर्ष 2012 में आम आदमी पार्टी के उदय के बाद यह समीकरण बदल गया। अब इन्हें आप का समर्थक माना जाता है। भाजपा के रणनीतिकारों को लगता है कि दिल्ली की सत्ता पर पहुंचने के लिए झुग्गी बस्ती में रहने वालों का साथ जरूरी है।
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