भिवानी को सताने लगी चौधरी बंसीलाल की याद The Memory Of Chaudhary Bansilal Started Haunting Bhiwani

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The Memory Of Chaudhary Bansilal Started Haunting Bhiwani

विशेष रिपोर्ट

कल्पना वशिष्ठ हरियाणा।
The Memory Of Chaudhary Bansilal Started Haunting Bhiwani: देश की सियासत के दमदार हस्ताक्षर रहे दबंग सिद्धान्तवादी राजनेता चौधरी बंसीलाल की याद अब उनके गृह जिले के लोगों को कुछ ज्यादा ही सताने लगी है।

The Memory Of Chaudhary Bansilal Started Haunting Bhiwani

वैसे तो यहां का जनमानस इस शख्सियत को कभी नहीं भूला लेकिन कुछ समय से उनके नीति-सिद्धान्तों  किये गए कामकाज की चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोरों पर हैं।

पोते अनिरुद्ध पर नज़र  The Memory Of Chaudhary Bansilal Started Haunting Bhiwani

इस कड़ी में उनके एकमात्र पोते अनिरुद्ध चौधरी का नाम बड़ी तेजी से उभरा है। युवा तुर्क अनिरुद्ध चौधरी रणबीर महेन्द्रा के बेटे हैं। दोनों ही परिचय के मोहताज नहीं हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में श्री महेन्द्रा व उनके बेटे अनिरुद्ध ने हरियाणा का नाम अंतराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया। नीति सिद्धान्त व कामकाज के तरीकों की बात करें तो अनिरुद्ध अपने दादा चौधरी बंसीलाल के नक़्शे कदम पर चले। बोर्ड में सचिव व कोषाध्यक्ष रहते उन्होंने युवाओं के हित में खेल को लेकर खूब काम किया।

जगह-जगह नीति सिद्धान्त की चर्चा  The Memory Of Chaudhary Bansilal Started Haunting Bhiwani:

भिवानी-दादरी जिले की जनता से अटूट रिश्ते  के कारण वे कांग्रेस से भी पूरी तरह जुड़े हुए हैं। अपने  दादा चौधरी बंसीलाल की तरह लोगों की सेवा में जुटे रहते हैं। इनदिनों भिवानी-दादरी की बदलती राजनीतिक हालत ने लोगों के दिलों में चौधरी बंसीलाल के प्रति प्यार-प्रेम जगाया है। The Memory Of Chaudhary Bansilal Started Haunting Bhiwani:

लोगों को उनके कामकाज करने के तरीके नीति सिद्धान्त याद आने लगे हैं। ऐसे में नज़र उनके पोते अनिरुद्ध चौधरी पर टिकी है। राजनीतिक जानकर साफतौर पर कहने लगे हैं कि इस क्षेत्र का भला उनका पोता ही कर सकता है,बशर्ते जनता अब उनके साथ जुट जाए। राष्ट्रीय मानचित्र पर भिवानी का नाम चौधरी बंसीलाल के कारण ही है।

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एक मात्र पोते के प्रति उमड़ा प्यार–नया सियासी गणित तय होगा

हरियाणा के बड़े राजनेता ने  यहां तक कह दिया था कि सांसद बनना है तो कहीं से भी चुनाव लड़ लो और नेता बनना है तो भिवानी से चुनाव लड़ना होगा। वास्तव में देखा जाए तो चौधरी बंसीलाल ने भिवानी को खून-पसीने से सींचा है। उन्होंने भिवानी को लेकर कभी समझौता नहीं किया।

ऐसे में लोगों में अब उनके पोते अनिरूद्ध को लेकर काफी उत्साह है। युवा,बुजुर्ग, महिलाओं में अगले चुनाव को लेकर अभी से चर्चा शुरू होने लगी है। लोग कह रहे हैं कि इस बार चौधरी बंसीलाल के एकमात्र पोते अनिरुद्ध को संसद या विधानसभा में भेज कर बड़ा प्रयोग करेंगे। युवा वर्ग को उनसे बड़ी आस है। इस उत्साह भरी चर्चाओं ने कई नेताओं की नींद उड़ा दी है।

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