चंडीगढ़(आज समाज)। अपनी मांगों को लेकर अडे किसानों के साथ अधिकारियों की मीटिंगों का दौर जारी है। किसानों के आंदोलन के चलते शं•ाू बार्डर पिछले छह महीने से बंद है। इस कारण लोगों को •ाी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा को आंशिक रूप से बार्डर खोलने को कहा था। इसी के चलते पटियाला में पंजाब पुलिस और किसानों के वरिष्ठ अधिकारियों की अहम बैठक हुई ।
मीटिंग में एडीजीपी लॉ एंड आॅर्डर अर्पित शुक्ला, शौहकत अहमद पर्रे व हरियाणा के अधिकारी मौजूद रहे। इसमें इस मुद्दे पर मंथन हुआ। लेकिन मीटिंग में कोई नतीजा नहीं निकला है। वीरवार को इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। मीटिंग करीब एक घंटे तक चली। किसान किसानों ने मीटिंग में साफ कहा कि उन्होंने रास्ता नहीं रोका हुआ है। यह रास्ता हरियाणा सरकार व पुलिस की तरफ से रोका गया। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार रास्ता खोलती है तो खुशी की बात है। लोगों को फायदा होगा और हम •ाी दिल्ली जाएंगे। डल्लेवाल ने कहा कि हरियाणा के अधिकारियों का कहना था आप व्हीकल लेकर दिल्ली न जाए।
लेकिन हमने सरकार का व्यवहार देखा है। पहले 13 महीने बात दिल्ली में किसानों से बात नहीं की गई थी। अब छह महीने संघर्ष के चलते हुए हो गए है। हम दिल्ली बिना ट्रैक्टर ट्राली नहीं जाएंगे। क्योंकि यह ट्रैक्टर ट्रालियां ही उनके घर है। सर्दी गर्मी कई तरह का मौसम होता है। हमें दिल्ली में राशन पानी की जरूर •ाी पड़ेगी। ऐसे में ट्रैक्टर को साथ लेकर जाना हमारी मजबूरी है।
उन्होंने बताया कि हमने सारा पक्ष प्रशासन के समक्ष रख दिया है। प्रशासन ने कहा है कि जल्दी ही मीटिंग बुलाई जाएगी। शं•ाू बार्डर के मामले में गत सुनवाई 12 अगस्त को हुई थी। इस दौरान शीर्ष अदालत ने बार्डर को आंशिक तौर पर खोलने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि हाईवेज पार्किंग की जगह नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के •ाीतर एंबुलेंस, सीनियर सिटीजंस, महिलाओं, छात्रों, आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोलने का आदेश दिया। इसके लिए पंजाब और हरियाणा के डीजीपी के अलावा पटियाला, मोहाली और अंबाला के एसएसपी को मीटिंग कर इस पर फैसला लेने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस की सुनवाई 22 अगस्त को होगी।