चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने अमृतसर-लुधियाना-चंडीगढ़-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कॉरिडोर में हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट की संभावना तलाशने का फैसला किया है, जिससे क्षेत्र में अंतर-शहरी यातायात को सुधारने के साथ-साथ सुचारू बनाया जा सके। इनवेस्टमेंट परमोशन की अतिरिक्त प्रमुख सचिव विनी महाजन ने बताया कि राज्य सरकार ने मंगलवार को लाॉस एंजलस आधारित कंपनी वर्जिन हाईपरलूप वन के साथ एक समझौता किया है, जोकि इस प्रोजेक्ट के लिए आर्थिक पक्ष से पूर्व संभावनाओं का अध्ययन करेगी। इस कंपनी को इसके बड़े निवेशक दुबई आधारित डीपी वर्ल्ड द्वारा सहयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और डीपी वर्ल्ड सब-कांटीनेंट के सीईओ व एमडी रिजवान सुमर की मौजूदगी में इस एमओयू पर पंजाब सरकार की तरफ से ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रमुख सचिव के. सिवा प्रसाद और वर्जिन हाईपरलूप वन कंपनी के मध्य पूर्वी एवं भारत के एमडी हर्ज धालीवाल ने हस्ताक्षर किए। वर्जिन हाइपरलूप कंपनी द्वारा हरियाणा सरकार के साथ भी अलग एमओयू किया जाना विचाराधीन है, जिससे इस प्रणाली की संभावना का मूल्यांकन किया जा सके कि पंजाब से इसका रूट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक बढ़ाया जा सकता है। इस कंपनी के अनुमान के मुताबिक अमृतसर-लुधियाना-चंडीगढ़ कॉरिडोर के साथ हाईपरलूप यातायात प्रोजेक्ट से सड़क से लगते पांच घंटों का समय कम होकर आधे घंटे से भी कम का रह जाएगा।
हाइपरलूप सिस्टम अपनाने वाला पंजाब दूसरा राज्य : सीएम
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हाईपरलूूप सिस्टम के निर्माण के लिए महाराष्ट्र के बाद पंजाब देश का दूसरा राज्य बनने में गहरी रुचि रखता है। वह बोले कि हम विशेष तौर पर राज्य में हाइपरलूप प्रोजेक्ट की संभावना तलाशने की इच्छा रखते हैं, जिससे देश में अन्य बड़े केंद्रों के साथ जुड़ा जा सकता है। भविष्य में इस प्रोजेक्ट को पंजाब से बाहर एनसीआर के साथ भी जोड़ा जा सकता है।
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