Himachal News (आज समाज)शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि सरकार का रवैया बहुत नकारात्मक रहा। मुख्यमंत्री ने इस मामले में न तो किसी से बात की, न शांति की अपील की, न ही इस मामले में न्याय का आश्वासन दिया। सरकार ने इस मामले को बेहद ही असंवेदनशीलता के साथ लिया। ख़ुफ़िया तंत्र पूरी तरह फेल रहा। इतनी भारी भीड़ प्रदेश भर से आई। अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल प्रयोग करना, वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं ।
इस पूरे प्रकरण में सरकार द्वारा पहले दिन से ही पक्षपात पूर्ण कार्रवाई की जा रही है। जब यह स्पष्ट है कि मस्जिद क़ानूनी नहीं है तो न्यायोचित कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन कार्रवाई करने के बजाय मुख्यमंत्री प्रदर्शन करने वाले लोगों की ही धमकाते रहे, सख़्ती से निपटने की बात करके जन भावना को आहत करने का प्रयास करते रहे। यह सरकार की नाकामी है। सरकार इस मुद्दे को डील करने में, जनभावनाओं को समझने और उसका सम्मान करने में असफल रह गई। जो काम क़ानून के हिसाब से किया जा सकता था, वह आलाकमान के दबाव में नहीं कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में जनभावना पहले दिन ही पता चल गई थी लेकिन सरकार ने पूरे मामले को हल्के में लिया। प्रदेश सरकार ने पूरे प्रकरण को हल्के में लिया। यह मामला शुरू हुआ एक लड़ाई झगड़े से। एक स्थानीय लोगों को कुछ लोगों ने मिलकर मारा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गये और मारने वालों ने संजौली की उसी इमारत में शरण ली।