कहा, किसान आंदोलन उठवाकर प्रदेश सरकार ने कायरता की मिसाल पेश की
Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़ : किसानों की मांगों के हक में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल द्वारा जारी आमरण अनशन रविवार को 131 दिन बाद समाप्त कर दिया गया। ज्ञात रहे कि शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पर चिंता व्यक्त करते हुए उनसे अनशन समाप्त करने की अपील की थी।
जिसके बाद रविवार को किसान नेता ने अनशन समाप्त कर दिया। हालांकि डल्लेवाल ने अनशन समाप्त करने के पीछे केंद्र सरकार की अपील नहीं बल्कि किसानों की अपील को मुख्य बताया है। डल्लेवाल ने कहा कि पंजाब के बॉर्डर से किसानों का आंदोलन उठाकर प्रदेश सरकार ने बहादुरी का नहीं बल्कि कायरता का परिचय दिया है।
केंद्र प्रतिनिधियों से होने वाली बैठक में लेंगे हिस्सा
पत्रकारों से बातचीत दौरान डल्लेवाल ने कहा कि यह अनशन खत्म हुआ है न कि आंदोलन, आंदोलन पहले से 10 गुना ज्यादा मजबूती से आंदोलन जारी रहेगा। केंद्र सरकार के कृषि मंत्री द्वारा उनको बैठक में 4 तारीख की बैठक में हिस्सा लेने की अपील की गई है। सरकार को कोई गलतफहमी न हो हम अपने साथियों सहित इस बैठक में हिस्सा जरूर लेंगे और दलीलों अपीलों के साथ अपनी मांगे रखेंगे। उनका आंदोलन न तो खत्म हुआ है और न ही मांगे पूरी होने तक खत्म होगा। हमारा किसी भी किसान संगठन से कोई निजी लड़ाई नहीं है विचारों की लड़ाई है विचारों का आपसी न मिलना इसको लड़ाई की संज्ञा देना गलत है किसान अपने मिशन पर लगे हुए हैं कभी न कभी किसान आंदोलन की जीत जरूर होगी।
अनशन खत्म करने से पहले किया संबोधन
आमरण अनशन खत्म करने से पहले जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किसानों को संबोधित करते कहा, कि जिस दिन मैंने अपना आमरण अनशन शुरू किया था, मैंने सभी से एक मांग की थी। अगर सरकार इसे छीन लेगी तो हम हार जाएंगे, और अगर आप इसे नहीं छीनने देंगे तो हम जीत जाएंगे। जिस तरह पंजाब और हरियाणा के युवा, महिलाएं और बुजुर्ग रात-रात भर जागकर मोर्चा संभाल रहे हैं, मैं आपके साहस को देख और सुन रहा हूं। सरकार को मोर्चे के पास नहीं आने दिया गया और सरकार को सुप्रीम कोर्ट में यह कहने के लिए मजबूर किया गया कि उनके लिए डल्लेवाल को वहां से उठाना संभव नहीं है। इसके लिए मैं आप सभी का आभारी हूं।
जो पीछे से हमला करता है, वह हमेशा हार जाता है
घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह अब एक हारी हुई सरकार है क्योंकि जो पीछे से हमला करता है, वह हमेशा हार जाता है। दोनों सरकारों ने हमें बैठकों में बुलाया और हमें गिरफ्तार किया, हमारे किसानों को नेतृत्वहीन छोड़ दिया। उन्होंने हमारे सभी नेताओं को उठा लिया और उन्हें जेल में डाल दिया।
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